हरियाणा सरकार ने किसानों के खातों में ट्रांसफर किए 368 करोड़ रुपये, कृषि योजनाओं पर जोर
28 जनवरी 2025, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने किसानों के खातों में ट्रांसफर किए 368 करोड़ रुपये, कृषि योजनाओं पर जोर – हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को राहत देते हुए उनके बैंक खातों में 368 करोड़ रुपये की बोनस राशि ट्रांसफर की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए कृषि योजनाओं को लागू करने में सक्रिय है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह ऐलान किया। इस अवसर पर कई कैबिनेट मंत्री और अधिकारी भी उपस्थित थे।
सरकार ने खरीफ-2024 के दौरान प्रतिकूल मौसम की वजह से नुकसान झेलने वाले किसानों को 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने की घोषणा की है। अब तक कुल 1345 करोड़ रुपये की सहायता राशि किसानों को दी जा चुकी है।
पट्टेदार किसानों और भूमि मालिकों के बीच जमीन और मुआवजे के विवादों को खत्म करने के लिए “कृषि भूमि पट्टा एक्ट” लागू किया गया है। सरकार ने 20 वर्षों से गांवों की शामलात भूमि पर काबिज पट्टेदारों को मालिकाना हक देने और पंचायत भूमि पर बने मकानों के लिए भी अधिकार प्रदान किए हैं।
पराली प्रबंधन और मुआवजा नीति
पराली के उचित प्रबंधन के लिए 10,393 मशीनों पर 122 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। साथ ही, किसानों को हाई टेंशन बिजली लाइनों के लिए मुआवजा देने की नई नीति भी बनाई गई है। इसके तहत टावर एरिया की जमीन के लिए बाजार दर का 200% मुआवजा और लाइन के नीचे की भूमि के लिए 30% मुआवजा तय किया गया है।
कांग्रेस पर निशाना
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस केवल किसानों के नाम पर राजनीति करती है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां फसलों की पूरी खरीद एमएसपी पर की जाती है।
डिजिटल सुविधाओं पर जोर
सरकार ने ई-खरीद ऐप के जरिए किसानों को मंडी में फसल बेचने के लिए घर बैठे ई-गेट पास बनाने की सुविधा दी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 6203 करोड़ रुपये किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विकास कार्यों के लिए पंचायतों को 500 करोड़ रुपये और राज्य की गौशालाओं के लिए 216.25 करोड़ रुपये की चारा अनुदान राशि जारी की गई है।
इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी और प्रशासनिक सचिव भी मौजूद रहे।
हैं, जिनका उद्देश्य किसानों को राहत देना और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना है। हालांकि, इन योजनाओं के प्रभाव और वास्तविक स्थिति का आकलन आने वाले समय में होगा।
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