राज्य कृषि समाचार (State News)

ICAR पूर्वी अनुसंधान परिसर के 25 साल पुरे: पटना में भव्य किसान मेला

21 फ़रवरी 2025, पटना: ICAR पूर्वी अनुसंधान परिसर के 25 साल पुरे: पटना में भव्य किसान मेला –  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में मंगलवार को रजत जयंती स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर किसान मेला और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम सहित विभिन्न राज्यों से किसान, वैज्ञानिक और उद्यमी शामिल हुए।

किसानों और वैज्ञानिकों की भागीदारी

कार्यक्रम का उद्घाटन दीघा के विधायक डॉ. संजीव चौरेसिया ने किया। उद्घाटन सत्र में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव कुमार, अटारी कोलकाता के निदेशक डॉ. प्रदीप डे, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ. बिकाश दास और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के उप निदेशक श्री प्रदीप कुमार सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

Advertisement
Advertisement

इस किसान मेले में 653 से अधिक किसानों के अलावा 100 से ज्यादा वैज्ञानिक, तकनीकी विशेषज्ञ और निजी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान संस्थान द्वारा तीन प्रमुख प्रकाशनों—केंद्रीय योजनाओं द्वारा कृषक सशक्तिकरण’‘संस्थान का न्यूज़लेटर’ और ‘कृषि ड्रोन’ का विमोचन किया गया। साथ ही, चार राज्यों के 18 प्रगतिशील किसानों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

तकनीक और नवाचार पर जोर

मुख्य अतिथि डॉ. संजीव चौरेसिया ने किसानों से टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने की अपील की। उन्होंने जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों पर बात की। इस दौरान संस्थान द्वारा विकसित ‘समेकित कृषि प्रणाली मॉडल’, ‘ड्रोन तकनीक’ और ‘जलवायु अनुकूल योजनाओं’ जैसी पहलों का जिक्र किया गया।

Advertisement8
Advertisement

संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने बताया कि बीते 25 वर्षों में संस्थान ने 12 जलवायु अनुकूल धान की किस्में, 63 पोषणयुक्त सब्जियां, 6 उच्च उपज वाले फल और 1 चना किस्म विकसित की है। उन्होंने फ्यूचर फार्मिंग मॉडल’, ‘एग्रीवोल्टाइक सिस्टम’ और जल संरक्षण तकनीकों’ को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।

Advertisement8
Advertisement

पशुपालन और उद्यमिता पर जोर

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पशुपालन को कृषि से जोड़ना जरूरी है। अटारी कोलकाता के निदेशक डॉ. प्रदीप डे ने महिला कृषि उद्यमियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कृषि शिक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता बताई।

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. बिकाश दास ने बताया कि बिहार में लीची उत्पादन के लिए लगभग 6 लाख हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, जिसका बेहतर उपयोग किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर सकता है। वहीं, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के उप निदेशक श्री प्रदीप कुमार ने पॉलीहाउस और हाई-टेक नर्सरी की लागत पर चिंता जताई और किसानों को सरकारी अनुदानों का लाभ उठाने की सलाह दी।

इस पूरे आयोजन का उद्देश्य किसानों को नई कृषि तकनीकों से जोड़ना और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत करना रहा। कार्यक्रम का समापन डॉ. उज्जवल कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement