राज्य कृषि समाचार (State News)

राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान में हुआ हिंदी पखवाड़े का उद्घाटन

02 सितम्बर 2025, इंदौर: राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान में हुआ हिंदी पखवाड़े का उद्घाटन – भाकृअप -राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान, इंदौर द्वारा आज हिंदी पखवाड़े का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि  भारतीय सरसों अनुसन्धान संस्थान, भरतपुर, राजस्थान के पूर्व निदेशक डॉ धीरज सिंह थे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता की संस्थान के निदेशक डॉ के. एच. सिंह ने की।

डॉ धीरज सिंह ने कहा कि प्रत्येक 40 मील के बाद भाषा का स्वरुप बदलता हैं, लेकिन भाषा ही लोगों के रिश्तों को जोड़ने का काम करती हैं. संस्थान के निदेशक डॉ के.एच. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि देश में इतनी सारी  भाषाएं  होने के बावजूद भी हिंदी एक ऐसी भाषा है , जो पूरे  देश की भाषा के रूप में परिलक्षित होती  है। उनके अनुसार राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा कार्यालयीन कामकाज में हिन्दी के प्रयोग के लिए संस्थान को पूर्व में भी राजभाषा विभाग के कई ख्यात पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

Advertisement
Advertisement

उल्लेखनीय है कि  राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार हर वर्ष 1 से 17 सितम्बर तक हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में संसथान द्वारा 1 सितंबर को हिंदी पखवाड़े का उद्घाटन किया गया।कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान की राजभाषा प्रभारी डॉ पूनम कुचलन ने इस पखवाड़े के दौरान आयोजित की जा रही प्रतियोगिताएं एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी दी।  उनके अनुसार विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के लिए श्रुति लेख, निबंध लेखन, स्लोगन,  टिप्पण लेखन जैसी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ हिंदी कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा।  

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement