सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान और आईटीसी के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित
25 जुलाई 2022, इंदौर: सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान और आईटीसी के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित – भारतीय संस्कृति में खेती को आत्मनिर्भरता का मूल आधार माना गया है, जिसमें किसान की भूमिका प्रमुख रही है। इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान , इंदौर और आईटीसी लिमिटेड भोपाल ने गत दिनों समझौता ज्ञापन (एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए। इस ज्ञापन के लिए आईटीसी लि भोपाल के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री अखिलेश कुमार यादव, कार्यक्रम अधिकारी श्री निलेश पाटकर,कार्यक्रम कार्यकारी श्री सहयोग तिवारी और लेखाकार श्री प्रसाद देशकर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस मौके पर संस्थान की कार्यवाहक निदेशक डॉ नीता खांडेकर ने इस ज्ञापन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस सहयोग कार्य के अंतर्गत संस्थान द्वारा प्रदेश के इंदौर, उज्जैन,देवास, सीहोर और विदिशा जिले के किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा, साथ ही किसानों द्वारा उनके खेतों को सुचारु रूप से संचालित करने करने के लिए बीबीएफ तकनीक और जलवायु स्मार्ट प्रौद्योगिकी पर भी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा इससे पूर्व भी कृषि सशक्तिकरण की दिशा में आईटीसी लि के साथ विभिन्न गोष्ठियों का आयोजन किया गया। वर्तमान खरीफ सत्र में किसानों को सही मार्गदर्शन दिया गया,ताकि वे अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें ।
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