राज्य कृषि समाचार (State News)

क़ृषि अनुसंधान परिषद पटना में हिन्दी पखवाड़ा का हुआ समापन

30 सितम्बर 2023, पटना: क़ृषि अनुसंधान परिषद पटना में हिन्दी पखवाड़ा का हुआ समापन – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में गत 29 सितम्बर  को हिन्दी पखवाड़ा – 2023 का समापन कार्यक्रम संपन्न हुआ।

समारोह की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने की । इस अवसर पर मुख्य तिथि भा.कृ.अनु.प. – राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. बिकास दास ने बताया कि हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसमें सभी भाषाओं को समाहित करने की क्षमता है | राजभाषा हिंदी में काम करना सरल और सुबोध है |  संस्थान राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि कृषि जगत की जानकारियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए हिंदी सरल और समृद्ध माध्यम है | हिंदी भाषा के विकास एवं प्रचार हेतु सदैव तत्पर रहें l डॉ. अनुप दास ने कहा कि हिंदी दिवस/ पखवाड़ा/ मास के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह एहसास दिलाना है कि जब तक वे हिंदी का उपयोग पूरी तरह से नहीं करेंगे तब तक हिंदी भाषा का विकास नहीं हो सकता | हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं है, बल्कि हम भारतीयों की पहचान भी है | यह हमारे ह्रदय से जुड़ी है

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इसके पूर्व डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक ने  स्वागत भाषण दिया  जिसमें उन्होंने हिंदी पखवाड़ा के दौरान संस्थान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।  

कार्यक्रम में डॉ. रजनी कुमारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं श्रीमती उषा किरण, तकनीशियन ने “देश रंगीला” गीत से सभागार में उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया | कार्यक्रम में डॉ. बिकास दास, निदेशक, भा.कृ.अनु.प. – राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र; डॉ. रोहन कुमार रमण, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ. अभिषेक कुमार, वैज्ञानिक  एवं डॉ. मनीषा टम्टा, वैज्ञानिक के हिंदी गीत भी आकर्षण के केंद्र रहे |

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श्रीमती प्रभा कुमारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी ने धन्यवाद दिया । हिंदी पखवाड़ा -2023 को सफल बनाने में डॉ. शंकर दयाल, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. पंकज कुमार, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. रजनी कुमारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ. तारकेश्वर कुमार, वैज्ञानिक; डॉ. कुमारी शुभा, वैज्ञानिक; डॉ. मनीषा टम्टा, वैज्ञानिक एवं उमेश कुमार मिश्र, हिंदी अनुवादक की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही।

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