बड़वानी और धार जिलों में भारी वर्षा की संभावना
24 सितम्बर 2025, इंदौर: बड़वानी और धार जिलों में भारी वर्षा की संभावना – मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम, उज्जैन , जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं- कही, इंदौर संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज़ की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा।
वर्षा के प्रमुख आंकड़े ( मि मी में ) – सेंधवा 91.0, नालछा 76.4, ति रला 75.0, बड़वानी 64.0, धार 64.0, देपालपुर 45.8, बुरहानपुर 39.4, भगवानपुरा 38.0, निवाली 31.8, सेगांव31.0, भावगढ़ 28.0, महू 27.0, रतलाम 27.0, कुक्षी 25.0, झिरन्या 25.0, बागली 24.0, इंदौर 23.8, पंधाना 23.0, चाचरिया पाटी 22.0, पेटलावद 21.8, वरला 21.2, महेश्वर 20.0,नेपानगर 17.5, खकनार 16.0, गंधवानी 15.0, राणापुर 13.1, राजपुर 13.0 निसरपुर 13.0, तेन्दुखेड़ा- नरसिंहपुर 13.0, गौतमपुरा 12.6, अंजड़ 12.0, मनावर 12.0, बाग 10.0,हातोद 10.0, ठीकरी 9.4, जावरा 9.0, खरगोन 8.8, पुनासा बांध 8.0, रावटी 8.0, बाजना 7.0, पीथमपुर 6.0, बड़वाह 6.0, पानसेमल 5.6, सतवास 5.0, कसरावद 5.0, चंदिया 4.6,बदनावर 4.1, झाबुआ 3.4, रामा 3.1, पाटी 3.0, डही 2.0, उमरबन 2.0, बड़नगर 2.0, खिरकिया 1.4, भाभरा 1.2, खालवा 1.0 और उज्जैन में 1.0 मि मी वर्षा दर्ज़ की गई। बड़वानी और धार जिलों में भारी वर्षा हुई। 1 जून से 23 सितंबर तक दीर्घावधि औसत से मध्यप्रदेश में 20 % अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मप्र में औसत से 16 % अधिक और पश्चिमी मप्र में औसत से 24 % अधिक वर्षा हुई है।
मौसमी परिस्थितियां – दक्षिण – पश्चिम मानसून की वापसी रेखा तरनतारन, संगरूर जींद , रेवाड़ी, टोंक , मेहसाणा और पोरबंदर से होकर गुजर रही है। अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, राजस्थान , हरियाणा और पंजाब के कुछ और हिस्सों ;उत्तर प्रदेश , दिल्ली , हिमाचल प्रदेश , जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों से दक्षिण – पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। एक निम्न दबाव क्षेत्र , पश्चिम बंगाल के गंगीय तटीय क्षेत्रों और संलग्न उत्तरी ओडिशा और उत्तर – पश्चिम बंगाल की खाड़ी में अवस्थित है। इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण मध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। एक ट्रफ , पश्चिम बंगाल के गंगीय तटीय क्षेत्रों और संलग्न उत्तरी ओडिशा और उत्तर -पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दाब क्षेत्र से जुड़े ऊपरी हवा के चक्रवातीय परिसंचरण से शुरू होकर ओडिशा , दक्षिण छत्तीसगढ़ , तेलंगाना और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक होते हुए दक्षिण महाराष्ट्र तट तक मध्य समुद्र तल से 4.5 से 5.8 किमी की ऊंचाई में विस्तृत है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण मध्य महाराष्ट्र के मध्य भागों और निकटवर्ती क्षेत्रों में मध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। एक नया निम्न दाब क्षेत्र , 25 सितंबर के आसपास पूर्व -मध्य और संलग्न उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने की संभावना है। पश्चिम – उत्तर – पश्चिम की ओर बढ़ते हुए , इसके 26 सितंबर के आसपास दक्षिण ओडिशा – उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों के पास उत्तर – पश्चिम और उससे सटे पश्चिम – मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब क्षेत्र ( डिप्रेशन )
बनने एवं इसके 27 सितंबर के आसपास दक्षिण ओडिशा – उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों को पार करने की प्रबल संभावना है।
पूर्वानुमान – मौसम केंद्र ने बड़वानी और धार जिलों में कहीं -कहीं झंझावात / वज्रपात के साथ भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि विदिशा , राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शि वपुरी, ग्वालियर , दतिया , भिंड , मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा,मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया , डिंडोरी , कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला,बालाघाट, पन्ना , दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, नि वाड़ी, मैहर और पांढुर्ना जिलों में कहीं -कहीं ,भोपाल, रायसेन,सिहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन , इंदौर, रतलाम, उज्जैन , देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर और नीमच जिलों में कुछ स्थानों पर तथा बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ और धार जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा होगी या गरज -चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी। राज्य के कई जिलों में कहीं -कहीं झंझावात / वज्रपात होने का येलो अलर्ट जारी किया है।
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