State News (राज्य कृषि समाचार)

भारत सरकार की जैविक-प्राकृतिक कृषि संस्था प्रदेश में करेगी विस्तार

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  • (प्रकाश दुबे)

8 मई 2023, भोपाल भारत सरकार की जैविक-प्राकृतिक कृषि संस्था प्रदेश में करेगी विस्तार – प्रदेश के सभी जिलों में जैविक एवं प्राकृतिक खेती के प्रति और अधिक जागरूकता लाने के लिए भारत सरकार का क्षेत्रीय एवं प्राकृतिक कृषि संस्थान अपने कार्यों का विस्तार करेगा साथ ही  जैविक  एवं प्राकृतिक खेती करने वाले कृषकों को पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाया जायेगा। उक्त विचार संस्था के क्षेत्रीय संचालक डॉ. अजय सिंह राजपूत ने गत दिवस सीहोर एवं भोपाल जिले के जैविक  खेती करने वाले कृषकों से मिलकर व्यक्त किए। डॉ. राजपूत  के साथ सीहोर जिले के उप संचालक कृषि श्री के. के. पाण्डेय एवं भोपाल जिले की उप संचालक कृषि श्रीमती सुमन प्रसाद भी थीं।  जैविक खेती करने वाले कृषकों  के खेतों, प्रसंस्करण इकाई, जैविक तरीके से उत्पादित अनाज, फल, सब्जियों की तकनीक समझी। इस दौरान  सीहोर जिले के ग्राम कुलांश कला में कृषक श्री गजराज सिंह वर्मा के खेत एवं प्रसंस्करण इकाई को भी देखा।

श्री वर्मा पिछले 8 वर्षों से जैविक तरीके से अनाज, मसाला फसल का उत्पादन कर उसकी ग्रेडिंग, पैकिंग कर शहरी उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवा रहे हैं। वह अपनी 20 एकड़ भूमि पर नाडेफ खाद, वर्मी कंम्पोस्ट को गेहूं,चना, धनिया, मेथी, प्याज, लहसुन आदि फसलों पर डालकर  उत्पादन लेते हैं। स्वयं की मशीनों से सरसों, मूंगफली, अलसी का तेल निकाल कर विक्रय हेतु उपलब्ध कराते हैं। कृषि के सभी कार्य में उनका पूरा परिवार लगा रहता है। कृषि को व्यवसाय की तरह करने में आज खेती इनके लिए वास्तव में फायदे का सौदा साबित हो रही है। शुद्ध एवं प्राकृतिक उत्पाद तैयार करने से इनके उत्पादों की मांग बनी रहती है। श्री वर्मा के प्रयासों की सराहना करते डॉ.  राजपूत ने इनके पिता श्री भगवान सिंह वर्मा का  सम्मान  किया। भ्रमण का अगला पड़ाव सीहोर जिला मुख्यालय से लगभग 22 किमी दूर ग्राम धवोटी रहा। यहां युवा कृषक श्री हर्ष अग्रवाल ने अपनी 50 एकड़ भूमि पर वह सभी फसल लगाई हैं जिनकी कभी स्थानीय ग्रामीण कल्पना भी नहीं कर सकते। दूर से ही इनके खेत हरे-भरे नजर आते हैं। श्री अग्रवाल ने कृषि की आधुनिक तकनीक जैसे ड्रिप, मल्चिंग से अनार, सीताफल, अंगूर सहित कई विदेशी फलों को भी लगाकर सिद्ध कर दिया है कि इस फसल के लायक हमारे क्षेत्र की भी जलवायु है। आसपास के कृषकों के लिए इनके खेत अनुसंधान केंद्र की तरह है। श्री अग्रवाल का एक अन्य खेत जो कि भोपाल के नजदीक है यहां पर स्ट्रॉबेरी, लीची, अमरुद सहित आम की विभिन्न प्रजातियों को भी देखा जा सकता है। फसलों पर जैविक एवं प्राकृतिक संसाधनों का अधिक उपयोग करते हैं। भोपाल के प्रतिष्ठित व्यवसाई परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री हर्ष का अधिकतर समय खेतों में ही व्यतीत होता है। खेती के प्रति इनके प्रयासों की सभी ने सराहना की।

भ्रमण के दौरान सहायक संचालक कृषि भोपाल श्री अमित प्रताप सिंह, विकासखंड तकनीकी प्रबंधक आत्मा भोपाल श्री अखिलेश सोनानिया सीहोर जिले के विकासखंड तकनीकी प्रबंधक आत्मा श्री के.पी. भाटी, श्री मुकेश मेवाड़ा, श्री आशीष राठौर उपस्थित थे।

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