राजस्थान किसानों के लिए खुशखुबरी! एमएसपी पर मूंग व मूंगफली खरीद की पंजीयन सीमा 20 प्रतिशत से बढ़ाई
15 दिसम्बर 2023, जयपुर: राजस्थान किसानों के लिए खुशखुबरी! एमएसपी पर मूंग व मूंगफली खरीद की पंजीयन सीमा 20 प्रतिशत से बढ़ाई – राजस्थान में मूंग एवं मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए पंजीकरण क्षमता को 90 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया गया है। वही जिन केन्द्रों पर पंजीयन क्षमता पूर्ण हो चुकी है वहां 20 प्रतिशत अतिरिक्त पंजीयन सीमा बढ़ाई गई है। राजस्थान सरकार के इस फैसले से करीब 29 हजार से ज्यादा किसानों को फायदा मिलेगा।
राजफैड़, प्रबन्ध निदेशक, श्री संदेश नायक ने बताया कि राज्य में समर्थन मूल्य का अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिले, इसके लिए मूंग एवं मूंगफली की पंजीकरण क्षमता को बढ़ाया गया है। बढ़ी हुई कृषक पंजीयन सीमा का लाभ किसानों को मिल सकेगा।
श्री नायक ने बताया कि कृषक पंजीयन सीमा बढ़ाने पर मूंग के लिए 12,731 एवं मूंगफली के लिए 17,025 किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इस तरह कुल 29,756 अतिरिक्त किसान पंजीयन करा सकेंगे। वही, दलहन-तिलहन खरीद की कुल सीमा भारत सरकार द्वारा स्वीकृत लक्ष्य तक सीमित रहेगी।
अब तक कितने किसान करा चुके पंजीयन
श्री नायक ने बताया कि मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर जारी खरीद में अब तक मूंग के लिए 32,945 किसानों द्वारा एवं मूंगफली के लिए 9,443 किसानों द्वारा पंजीकरण करवाया गया है।
वहीं, अब तक 5,584 किसानों से 11,487 मीट्रिक टन मूंग एवं मूंगफली की खरीद की जा चुकी है। जिसकी राशि लगभग 98 करोड़ रुपये है। उड़द और सोयाबीन के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर से अधिक होने के कारण किसानों की ओर से समर्थन मूल्य पर बेचने में रूचि नहीं ली जा रही है।
एमएसपी पर उपज बेचने के लिए चाहिए ये दस्तावेज
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद योजना का लाभ लेने के लिए कई तरह के दस्तावेज चाहिए होते हैं। किसान ई-मित्र के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों जमा करा सकते हैं। इनमें गिरदावरी, बैंक पासबुक, आधार-कार्ड शामिल हैं। किसान जितनी जल्दी रजिस्ट्रेशन कराएंगे उतनी जल्दी ही उनका उपज तुलाई के लिए तारीख आवंटित की जा सकेगी।
श्री नायक ने बताया कि किसान दलहन-तिलहन को सुखाकर तथा साफ-सुथरा कर अनुज्ञेय नमी की मात्रा के अनुरूप तुलाई केन्द्रों पर लाएं। किसानों की समस्या के समाधान के लिए किसान हेल्पलाईन नम्बर 18001806001 स्थापित किया हुआ है, जहाँ किसान सम्पर्क कर अपनी समस्या का निराकरण करवा सकते हैं।
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