मध्य प्रदेश में डेयरी किसानों के लिए सुनहरा मौका: सरकार देगी 42 लाख तक लोन, 33% तक सब्सिडी भी
12 जुलाई 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश में डेयरी किसानों के लिए सुनहरा मौका: सरकार देगी 42 लाख तक लोन, 33% तक सब्सिडी भी – एक समय था जब गाय-भैंस पालना सिर्फ घरेलू जरूरतों तक सीमित था, लेकिन अब डेयरी फार्मिंग किसानों और पशुपालकों के लिए एक कमाई वाला व्यवसाय बनता जा रहा है। इस दिशा में मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है, जिसका नाम है — डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना। इस योजना के ज़रिए सरकार राज्य के पशुपालकों को डेयरी व्यवसाय के लिए ₹42 लाख तक का लोन और 33% तक की सब्सिडी देने जा रही है।
क्या है डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना?
यह योजना दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत:
1. हर लाभार्थी को 25 दुधारू पशुओं की डेयरी यूनिट खोलने के लिए ₹42 लाख तक का लोन मिल सकता है।
2. इसके साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को 33% और अन्य वर्गों को 25% तक की सब्सिडी भी दी जाएगी।
3. सब्सिडी की रकम सीधे बैंक खाते में दी जाएगी और इस पर कोई ब्याज नहीं लगेगा।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के सभी पात्र पशुपालक उठा सकते हैं, बस कुछ जरूरी शर्तें हैं:
1. आवेदक की उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
2. उसे किसी सरकारी या अधिकृत संस्था से डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लेना होगा।
3. लाभार्थी के पास कम से कम 3.5 एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए (सामूहिक जमीन भी मान्य है)।
4. पति-पत्नी या परिवार के किसी एक सदस्य को ही एक बार में लाभ मिलेगा।
5. पहले से दूध सप्लाई करने वाले पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
आठ डेयरी यूनिट का लाभ
1. एक लाभार्थी अधिकतम 8 डेयरी यूनिट तक योजना का लाभ ले सकता है।
2. एक यूनिट में गाय, भैंस या संकर गाय में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं।
3. पहले लिए गए लोन की पूरी किस्त चुकाने के 2 साल बाद अगली यूनिट का लाभ मिलेगा।
4. लोन चार किस्तों में दिया जाएगा और संचालन अवधि 7 साल तक हो सकती है।
सब्सिडी कैसे मिलेगी?
1. सब्सिडी एकमुश्त दी जाएगी, जिसकी 3 साल की लॉक-इन अवधि होगी।
2. लोन चुकाने पर ब्याज की छूट भी मिलेगी।
3. दूसरा लोन तभी मिलेगा जब पहला लोन समय पर चुकाया गया हो।
आवेदन प्रक्रिया कैसी है?
योजना का लाभ पाने के लिए पशुपालक को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करना होगा। आवेदन का चयन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए सरकार अलग से निर्देश जारी करेगी।
क्यों है ये योजना खास?
मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि डेयरी को सिर्फ एक पारंपरिक काम न मानकर, उसे व्यवसायिक अवसर के रूप में आगे बढ़ाया जाए। इस योजना से किसानों और पशुपालकों को न सिर्फ आय का नया जरिया मिलेगा, बल्कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का नेटवर्क भी मजबूत होगा।
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