राज्य कृषि समाचार (State News)

गोगावां एफपीओ: प्रगति की ओर बढ़ते कदम

22 दिसंबर 2024, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): गोगावां एफपीओ: प्रगति की ओर बढ़ते कदम – तीन साल पूर्व 2021 में सिर्फ 10 किसानों से शुरू हुई  गोगावां  फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी आज मध्य प्रदेश में किसानों के लिए प्रगति और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर रही है। गोगावां फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) की सफलता में भारत सरकार के नाबार्ड और मध्य प्रदेश सरकार के कृषि विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है।

गोगावां एफपीओ की प्रगति पर अध्यक्ष श्री मोहन सिंह सिसोदिया ने कृषक जगत को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 2021 में सिर्फ 10 किसानों से गोगावां एफपीओ आरम्भ किया गया था। इसके सीईओ श्री धर्मेंद्र सिंह राठौर हैं। तीन साल में साथी किसानों, नाबार्ड और कृषि विभाग के सहयोग से एक मुकाम हासिल किया है। कृषकों के हित में यह विकास यात्रा  निरंतर जारी रहेगी।

वित्तीय पोषण – गोगावां एफपीओ के लिए नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2020 से 2023 के लिए 11.16 लाख रुपये ग्रांट प्रदान की  गई , साथ ही, व्यवसाय बढ़ाने के लिए  5 लाख रु की बिज़नेस डेवलपमेंट असिस्टेंस ( बीडीए ) भी दी  गई । बाद में एफपीओ के स्वयं गोडाउन के लिए  30 लाख रु वेयरहाउस सब्सिडी भी नाबार्ड द्वारा दी गई ।

मार्गदर्शन  एवं सहयोग का माध्यम –  गोगावां  एफपीओ में व्यावसायिक  एवं सामूहिक निर्णय प्रणाली को सुनिश्चित करने के लिए नाबार्ड के  क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के उच्च अधिकारी एवं श्री  विजेंद्र पाटिल ,डीडीएम खरगोन  द्वारा समय – समय पर  एफपीओ  का मार्गदर्शन किया गया है । एफपीओ में व्यावसायिकता बनाए रखने के लिए नाबार्ड द्वारा सदस्य संख्या, शेयर कैपिटल, टर्नओवर जैसे  मापदंडों पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके साथ ही, एफपीओ को जिले के कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, बैंक इत्यादि से जोड़ा गया।  इससे  एफपीओ ज्यादा से ज्यादा  कृषकों तक शासकीय  योजनाओं  एवं सहयोग पहुंचाने का माध्यम बन गया है । यही कारण है कि आज  गोगावां  एफपीओ, छोटे पौधे से विशाल वट वृक्ष बन चुका है। यह एफपीओ अब किसानों को तकनीकी और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ कृषि में नवाचार और विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है।

प्रदेश का पहला एफपीओ वेयरहाउस –   गोगावां  फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को पूरा करते हुए मध्य प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में कई अनूठे कदम उठाए हैं, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ। इस एफपीओ ने सबसे पहले अपना खुद का  50 हज़ार  क्विंटल क्षमता वाला वेयरहाउस स्थापित किया, जो न सिर्फ जिले बल्कि पूरे प्रदेश में किसी भी एफपीओ द्वारा स्थापित किया गया पहला स्वयं का वेयरहाउस था।

कृषि क्रांति का प्रतीक –  गोगावां  एफपीओ ने एसडीपीएस पद्धति का पहला सफल प्रयोग खरगोन जिले में अपने किसानों के साथ किया। और एसडीपीएस पद्धति से कपास की बुवाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया, जिसके परिणामस्वरूप किसान 12-18 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। यह पद्धति, जिसे बाद में प्रदेश सरकार और कृषि वैज्ञानिकों ने एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपनाया, एवं खरगोन जिले को इस कृषि विकास के पायलट प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया अब पूरे क्षेत्र में कृषि क्रांति का प्रतीक बन चुका है। इसके अलावा कंपनी ने 11 प्रकार की फसलों पर काम शुरू किया है, जिसमें भिंडी, मूंग, ज्वार, चना, ग्वार, चवली, टमाटर, मिर्च, कॉटन, मक्का और स्वीट कॉर्न जैसे विकल्प शामिल हैं।

नवाचार का एक अद्वितीय उदाहरण –   गोगावां   एफपीओ का कार्य क्षेत्रीय कृषि में नवाचार का एक अद्वितीय उदाहरण है, क्योंकि यहां होने वाले सभी प्रयोग पहले कभी नहीं हुए थे। यह एफपीओ, एक प्रयोगशाला की तरह, न सिर्फ सफलता के नए मानक स्थापित कर रहा था, बल्कि अपने इन प्रयोगों को बड़े पैमाने पर प्रभावी और सफल तरीके से लागू कर, पूरे प्रदेश में कृषि की दिशा बदल रहा  है । इन प्रयोगों की सफलता ने गोगावां एफपीओ को एक अग्रणी  एफपीओ बना दिया है ,जो यह दर्शाता है कि जब विचारों में नवीनता हो और कार्य में ईमानदारी हो, तो बदलाव संभव है।

बाजार की उपलब्धता और फसल मूल्य का स्मार्ट समाधान –   गोगावां  एफपीओ ने किसानों की दो प्रमुख समस्याओं  पर्याप्त बाजार की उपलब्धता और फसल मूल्य की अनिश्चितता का स्मार्ट समाधान प्रदान किया है। कंपनी बुवाई के समय ही किसानों को उनके फसल का मूल्य तय कर देती है, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि किसान अपनी पूरी फसल एफपीओ को उसी मूल्य पर वापस बेच सकें। इससे  किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने का सुरक्षा कवच मिल जाता है।

मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला–  गोगावां  एफपीओ अब किसानों को मिट्टी, जल और बीज गुणवत्ता के परीक्षण की सुविधा भी जल्द उपलब्ध  करवाएगा। इसके लिए एफपीओ को मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से  गोगावां  शहर में एक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला आवंटित की गई है, जहां किसान जल्द ही अपनी मिट्टी के साथ जल व बीज परीक्षण करवा  सकेंगे ।

किसानों को हर तरीके से सहायता–  गोगावां  एफपीओ किसानों को हर तरीके से सहायता प्रदान कर रहा है। इस पहल के तहत, किसानों को ट्रेनिंग, बैंकिंग एवं लोन सुविधाएं और कृषि विशेषज्ञों द्वारा फसल के अनुरूप केमिकल कंपोजिशन भी उपलब्ध कराए जाएंगे, साथ ही कृषि में मैकेनाइजेशन और ऑटोमेशन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा अपने किसानों के लिए इंश्योरेंस कवर भी शुरू करने जा रहा है, जिससे किसानों और उनके परिवारों को सुरक्षा मिलेगी। इस प्रकार गोगावां  एफपीओ अपने नवाचारों और योजनाओं के माध्यम से  एक मॉडल के रूप में किसानों की उन्नति, सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में लगातार काम कर रहा है। ग्वाड़ी के श्री मनोज कुशवाह और मगरिया के श्री संजय कुशवाह ने कहा कि यदि किसानों को सुरक्षित खेती के साथ अपनी  प्रगति करनी है तो उन्हें इस एफपीओ से अवश्य जुड़ना चाहिए।गोगावां  एफपीओ से जुड़कर यदि आप भी अपनी खेती में सुधार और अपनी उन्नति करना चाहते हैं, तो अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर  9131780523 पर संपर्क करें।

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