हरियाणा के किसानों को तोहफा: सौर ऊर्जा से चलेंगे कृषि ट्यूबवेल, कम होगी बिजली की निर्भरता
15 जुलाई 2025, भोपाल: हरियाणा के किसानों को तोहफा: सौर ऊर्जा से चलेंगे कृषि ट्यूबवेल, कम होगी बिजली की निर्भरता – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के किसानों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी कृषि ट्यूबवेल को चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए, जिससे खेती के लिए बिजली की निर्भरता कम हो और किसानों को आर्थिक राहत मिले। यह फैसला पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत एक समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री ने की।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (HPGCL) को निर्देश दिया कि हर जिले में कम से कम दो कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए पांच-पांच एकड़ जमीन की पहचान की जाए। इन जमीनों पर सौर पैनल लगाए जाएंगे, जो कृषि ट्यूबवेल्स को स्वच्छ और सस्ती बिजली उपलब्ध कराएंगे।
खाली पड़ी जमीनों का होगा बेहतर इस्तेमाल’
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि पंचकूला जिले की गन्नी खेड़ा ग्राम पंचायत की 300 एकड़ खाली भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा, जिससे पूरे जिले के नलकूपों को बिजली मिल सकेगी। इसके साथ ही कॉलेज, मंडी, बस स्टैंड जैसी सरकारी जमीनों पर भी सोलर पैनल लगाने की योजना है।
सामुदायिक उपयोग के लिए भी होंगे सौर पैनल
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सौर पैनल स्ट्रक्चर को इस तरह डिज़ाइन किया जाए कि वह ‘कल्याण मंडपम’ (सामुदायिक भवन) की तरह काम कर सके, ताकि नीचे की जगह का उपयोग सामाजिक आयोजनों के लिए किया जा सके।
मंडियों और गोदामों की छतों पर लगेंगे सोलर पैनल
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों और हरियाणा भंडारण निगम के गोदामों की छतों पर सौर पैनल लगाए जाएंगे। इससे पैदा की गई बिजली से खेती-बाड़ी के कार्यों में बिजली की जरूरतें पूरी की जाएंगी।
70 हजार नए सोलर पंप, 600 करोड़ का बजट
बैठक में अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) ए.के. सिंह ने जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 से अब तक राज्य में 1.58 लाख से अधिक सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। इस वर्ष (2025-26) 70,000 नए सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 600 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
किसानों को मिलेगा दोहरा लाभ
इस योजना से किसानों को बिजली के खर्च में कमी और 24 घंटे बिजली की उपलब्धता जैसे दोहरे लाभ मिलेंगे। साथ ही पर्यावरण को भी लाभ होगा क्योंकि सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।
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