तरबूज से पॉलीहाउस तक: संबलपुर के किसानों को मिला बड़ा तोहफा
16 अप्रैल 2025, भोपाल: तरबूज से पॉलीहाउस तक: संबलपुर के किसानों को मिला बड़ा तोहफा – केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज ओडिशा के संबलपुर ज़िले के जुजुमुरा ब्लॉक का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और किसान संगठनों को समर्थन देने के उद्देश्य से कई कृषि पहलों का शुभारंभ किया।
इस दौरे के दौरान, मंत्री ने सबुजसनातनपाली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीसीएल) में एक अत्याधुनिक पॉलीहाउस सुविधा का उद्घाटन किया। यह पॉलीहाउस सीएसआईआर-नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) के सहयोग से विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना और क्षेत्र में स्थायी तथा जलवायु-स्मार्ट खेती को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से पुष्पवर्ग (फ्लोरीकल्चर) मूल्य श्रृंखलाओं में।
एनबीआरआई, लखनऊ के साथ यह साझेदारी ओडिशा में जलवायु-लचीली और सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार का एक रणनीतिक निवेश है। पौध विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से, एनबीआरआई जलवायु-स्मार्ट फसल किस्मों के विकास और प्रचार में सहायता कर रहा है, साथ ही बागवानी मूल्य श्रृंखलाओं में मृदा और जल प्रबंधन के लिए प्रकृति-आधारित समाधान उपलब्ध करा रहा है, जिससे छोटे किसानों की अनुकूलन क्षमता को बढ़ावा मिल रहा है।
साबुजा सनातनपाली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (SSFPCL), जिसे 2021 में जुजुमुरा के किसानों के एक समर्पित समूह द्वारा गठित किया गया था, आज 1,450 से अधिक सदस्यों का एक सशक्त सामूहिक बन गया है — जिनमें 55% महिलाएं हैं। नाबार्ड और पलाडियम कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से संचालित यह एफपीसी, ग्रामीण उद्यमिता का एक उदाहरण बन चुका है, जो यह दर्शाता है कि किसान जब एकजुट होकर नवाचार और सरकारी समर्थन के साथ काम करते हैं, तो वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन दे सकते हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने सनातनपाली में एक नए मंडी प्रांगण की आधारशिला भी रखी, जो स्थानीय किसानों के उत्पादों की एकत्रीकरण और बिक्री के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
इसके अतिरिक्त, मंत्री ने इस सीज़न की पहली तरबूज विपणन खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह पहल पलाडियम कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तकनीकी सहायता के तहत की गई, जो ओडिशा सरकार के कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से, राज्य सरकार एफपीओ को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने और जलवायु-लचीली प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि वे संबलपुर में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को नवाचार और संस्थागत समर्थन के ज़रिये सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहलें आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
नाबार्ड, संबलपुर के जिला विकास प्रबंधक (डीडीएम) धीरन कुमार दाश ने बताया, “नाबार्ड और पलाडियम के सहयोग से 2021 में एफपीओ की स्थापना की गई थी। तब से, इसने स्थानीय किसानों के लिए बाज़ार पहुंच को काफी बेहतर किया है। आज 30 मीट्रिक टन तरबूज की खेप गंजाम के लिए रवाना की गई, और अब तक कुल लगभग 80 मीट्रिक टन तरबूज एफपीओ के माध्यम से विपणन किया जा चुका है।”
उन्होंने आगे कहा कि एफपीओ फूलों और सब्जियों की खेती में भी सक्रिय है, जिसका विपणन सामूहिक रूप से किया जा रहा है। इस गर्मी में आम की फसल आने वाली है, और उसका भी विपणन नाबार्ड और पलाडियम के सहयोग से किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में संबलपुर के कलेक्टर एवं जिलाधिकारी सिद्धेश्वर बलिराम बोंडार, आईएएस, डॉ. अजीत कुमार शासनी, निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ, और स्थानीय प्रशासन, डीएसीएफई तथा पलाडियम के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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