कर्नाटक में बाढ़ से 10 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद, सरकार देगी प्रति हेक्टेयर ₹8,500 का अतिरिक्त मुआवजा
01 अक्टूबर 2025, भोपाल: कर्नाटक में बाढ़ से 10 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद, सरकार देगी प्रति हेक्टेयर ₹8,500 का अतिरिक्त मुआवजा – कर्नाटक के कई जिलों में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में कृषि को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हवाई सर्वेक्षण के बाद बताया कि प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, अब तक लगभग 9.60 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जिनमें 8.88 लाख हेक्टेयर कृषि फसलें और 71,624 हेक्टेयर बागवानी फसलें शामिल हैं। इस आपदा की सबसे अधिक मार विजयपुरा, बागलकोट, कलबुर्गी, यादगीर, बेलगावी, रायचूर, गडग, बीदर और धारवाड़ जिलों पर पड़ी है, जहां राज्य की कुल फसल क्षति का करीब 95 प्रतिशत हिस्सा दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की स्थिति को समझते हुए प्रति हेक्टेयर 8,500 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देगी, जो केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत निर्धारित राशि से अलग होगी। एनडीआरएफ के नियमों के मुताबिक, शुष्क भूमि के लिए 8,500 रुपये, सिंचित भूमि के लिए 17,000 रुपये, और बारहमासी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाता है। राज्य सरकार की ओर से दी जा रही अतिरिक्त सहायता के बाद किसानों को शुष्क भूमि के लिए 17,000 रुपये, सिंचित भूमि के लिए 25,500 रुपये, और बारहमासी फसलों के लिए 31,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा।
जान-माल का नुकसान और राहत कार्य
राज्य में 1 जून से अब तक बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 52 लोगों की जान गई है, जिनमें से 15 की मौत दीवार गिरने और 23 लोग डूबने या बह जाने से मारे गए। सरकार ने सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा वितरित कर दिया है। इसके अलावा 422 पशुओं की मृत्यु हुई है, जिनमें से 407 पशु मालिकों को राहत राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जानकारी दी कि अब तक 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का संयुक्त सर्वेक्षण किया जा चुका है और जलमग्न क्षेत्रों में पानी उतरने के बाद शेष सर्वेक्षण तेजी से पूरा किया जाएगा। वहीं, 117 गांवों के प्रभावित होने और 80 राहत केंद्रों में 10,000 से ज्यादा लोगों के रहने की बात कही गई। जिन परिवारों ने अपने घर या घरेलू सामान गंवाया है, उन्हें 23.12 करोड़ रुपये (मकान नुकसान) और 2.42 करोड़ रुपये (कपड़े व अन्य वस्तुएं) की सहायता दी गई है।
केंद्र से सहयोग की मांग की
सिद्धारमैया ने यह भी स्पष्ट किया कि बाढ़ के कारण सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उनका सर्वेक्षण कार्य चल रहा है और जैसे ही विस्तृत रिपोर्ट आएगी, राज्य सरकार केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मांग करेगी ताकि बर्बाद ढांचे और फसलों की भरपाई की जा सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत कार्यों को तेज गति से चलाया जाए और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए।
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