फसलों पर पाला गिरने की आशंका, किसान यह उपाय करें
06 जनवरी 2023, बुरहानपुर: फसलों पर पाला गिरने की आशंका, किसान यह उपाय करें – रबी की फसलों को शीतलहर/पाला से काफी नुकसान होता है, अतः किसान खेतों का सतत निरीक्षण कर शीत लहर एवं पाले से बचाव हेतु निम्नांकित उपाय करें |
उप संचालक कृषि श्री एम.एस.देवके ने जानकारी देते हुए बताया कि, रबी की फसलों को शीतलहर/पाला से काफी नुकसान होता है। जब तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से कम होता है, तब पाला पड़ने की पूर्ण संभावना होती है। दोपहर पश्चात अचानक हवा चलना बंद हो जाये तथा आसमान साफ रहे या आधी रात से हवा रूक जाये तो पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। अतः किसान खेतों का सतत निरीक्षण कर करें और निम्न उपायों को अपना कर अपनी फसलों का पाले से बचाव कर सकते हैं ।
खेतों की सिंचाई – जब भी पाला पड़ने की संभावना हो या मौसम विभाग के पूर्वानुमान से पाले की चेतावनी जारी की गई हो, तो फसलों की हल्की सिंचाई कर देना चाहिये। जिससे तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले के नुकसान से बचाया जा सकता है।
खेत के पास धुंआ करना – फसल को पाले से बचाने के लिये खेत के आस-पास धुंआ करें, जिससे तापमान जमाव बिन्दु से नीचे नहीं गिर पाता और फसल को पाले से बचाया जा सकता है।
रासायनिक उपचार – जिस दिन पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों में फसलों पर सल्फ्यूरिक अम्ल के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिये या सल्फर 80 प्रतिशत पावडर को 3 कि.ग्रा. प्रति एकड़ में छिड़काव के बाद सिंचाई करें या सल्फर 80 प्रतिशत पावडर को 40 ग्राम प्रति पंप की दर से छिड़काव करें।
पौधों को ढंकना – पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है, नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक या पुआल से ढंकना चाहिये जिससे अन्दर का तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है तथा पौधे पाले से बच जाते हैं । कृषकगण उक्त उपायों को अपना कर अपनी फसलों का पाले से बचाव कर सकते हैं ।
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