मुनगा के सब्जबाग में ठगे गए किसान किसानों ने अग्रिम राशि वापस मांगी
इंदौर (विशेष प्रतिनिधि)। दो साल पहले बैतूल जिले के किसानों को लखपति बनाने के लिए एक कम्पनी ने मुनगा खेती के सब्जबाग दिखाए और प्रति एकड़ 20-20 हजार रु. की राशि अग्रिम जमा करवा ली। किसानों के यहां कम्पनी द्वारा दिए गए पौधे नहीं पनपे। पीडि़त किसानों के अनुसार कम्पनी अग्रिम जमा राशि वापस नहीं दे रही है। उद्यानिकी विभाग किसानों को उनकी रकम वापस दिलाने के प्रयास कर रहा है।
कांट्रेक्ट फार्मिंग के शिकार हुए किसान
क्या है मामला ? : 2018 में उद्यानिकी विभाग, बैतूल ने हर साल मुनगे की खेती से एक से सवा लाख रुपए की आमदनी होने का सब्जबाग दिखाकर इंदौर की यूवीगो एग्री साल्यूशंस प्रा.लि. कम्पनी के साथ मध्यस्थ के रूप में जिले के भैंसदेही, सांवलमेढ़ा, आमला सहित अन्य क्षेत्र के 200 से अधिक किसानों के अनुबंध कराकर प्रति एकड़ 40 हजार रु. में 4 हजार बीज देने का कहकर किसानों से प्रति एकड़ 20 हजार रुपए अग्रिम ले लिए थे। शेष राशि उत्पादन के बाद देना थी। अनुबंध में उद्यानिकी विभाग तृतीय पक्ष बना था। जिन किसानों ने कम्पनी के दिए पौधे लगाए वे नहीं पनपे तो उन्हें उखाड़ दिया। यह देखकर अन्य किसानों ने बीज ही नहीं लिए। किसानों के अनुसार बैतूल जिले का वातावरण मुनगे के लिए अनुकूल नहीं है।
भैंसदेही के श्री शेख नदीम ने अपनी माँ बतूल बी के नाम से और श्री संजय पाण्डे ने दो एकड़ के लिए अनुबंध कर कम्पनी को अग्रिम 40 हजार जमा किए थे। श्री नदीम का कहना है कि अनुबंध के पूर्व जिला पंचायत में चार-पांच बैठकें हुई थीं, जिसमें तत्कालीन कलेक्टर और उप संचालक उद्यानिकी की मौजूदगी में जिले में 500 एकड़ में मुनगे की खेती की जानकारी देकर किसानों को प्रेरित किया गया तो जिले के किसानों ने मुनगे की खेती शुरू की थी, लेकिन नतीजे अनुकूल नहीं रहे। पीडि़त किसानों ने जब कम्पनी से अपनी अग्रिम राशि की मांग की तो इंकार किया जा रहा है।
कलेक्टर, एसपी और उद्यानिकी अधिकारी को भी कई बार ज्ञापन दिए, लेकिन कोई संतोषजनक हल नहीं निकला है। श्री पाण्डे ने कहा कि कम्पनी ने डेढ़ फ़ीट के पौधे देने को कहा था, लेकिन 6 इंच के पौधे दिए। मुनगे के लिए दो एकड़ जमीन खाली रखी। अन्य फसल भी नहीं ले पाए। अब अपनी राशि वापस पाने के लिए कम्पनी को फोन लगाते हैं तो वे उठाते नहीं हैं। आठनेर ब्लॉक के ग्राम सावलमेढ़ा के किसान श्री पंकज जैन ने भी 4 एकड़ में मुनगे की खेती के लिए 80 हजार रुपए कम्पनी को जमा किए थे, लेकिन जब मुनगे की खेती फेल हो गई तो उन्होंने कम्पनी से सीताफल के एक हजार पौधे और थाईलैंड अमरुद के कुछ पौधे लेकर भरपाई कर ली। सीताफल के पौधे लगाए 4 माह हो गए हैं।
डॉ. आशा उपवंशी, उप संचालक (उद्यानिकी), बैतूल ने कृषक जगत को बताया कि मुनगा खेती से जुड़े किसानों की समस्या के निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं।