कृषि की समृद्धि से छत्तीसगढ़ की खुशहाली: क्या हैं राज्य के कृषि सुधारों का असर?
16 दिसंबर 2024, रायपुर: कृषि की समृद्धि से छत्तीसगढ़ की खुशहाली: क्या हैं राज्य के कृषि सुधारों का असर? – छत्तीसगढ़, जिसे ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलावों से गुजर रहा है। राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए कई योजनाओं को लागू किया गया है, जिनसे राज्य के कृषि क्षेत्र में कुछ सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
पिछले साल की तुलना में इस साल राज्य में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की गई और 3716 करोड़ रुपये के बकाया धान बोनस का भुगतान किया गया। इसके साथ ही, खरीफ विपणन वर्ष में 144.92 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जो एक नया रिकॉर्ड है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने किसानों को 32 हजार करोड़ रुपये का भुगतान और किसान समृद्धि योजना के तहत 13,320 करोड़ रुपये का वितरण किया है।
कृषि में छत्तीसगढ़ की भूमिका
छत्तीसगढ़, जो देश में धान उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, किसानों से धान खरीदने वाला प्रमुख राज्य बना हुआ है। राज्य सरकार ने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय था।
कृषि बजट में वृद्धि
अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषि बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 3,435 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उन्हें खेती के लिए आवश्यक धनराशि प्राप्त होती है। इस साल खरीफ में 15.21 लाख किसानों को 6912 करोड़ रुपये का शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण वितरित किया गया।
राज्य सरकार सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना और सौर सुजला योजना के तहत प्रदेश में सिंचित क्षेत्र बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रुपये और अन्य सिंचाई योजनाओं के लिए 433 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
उत्पादन में वृद्धि
इस समय छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों का क्षेत्रफल 48.08 लाख हेक्टेयर है, और रबी फसलों का क्षेत्रफल 18.06 लाख हेक्टेयर है। राज्य में 16.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्राप्त है, जो कुल फसली क्षेत्र का 35 प्रतिशत है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कृषि उत्पादन में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, दलहन में 9 प्रतिशत और तिलहन में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कृषि कानूनों में बदलाव
राज्य सरकार ने कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किया है, जिससे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सकता है। अब अन्य राज्यों के व्यापारी और प्रसंस्करणकर्ता बिना पंजीकरण के कृषि उपज की खरीदी और बिक्री कर सकेंगे, जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों को अधिकतम मूल्य मिल सकेगा।
छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में हुए सुधारों का उद्देश्य राज्य के किसानों की स्थिति में सुधार लाना और राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना है। राज्य सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों से राज्य के कृषि क्षेत्र में कुछ सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं, जो समय के साथ अपनी प्रभावशीलता दिखा सकते हैं।
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