किसानों ने देपालपुर उप मंडी पुनः शुरू करने की उठाई मांग
लेखक: शैलेष ठाकुर, देपालपुर
07 जून 2025, भोपाल: किसानों ने देपालपुर उप मंडी पुनः शुरू करने की उठाई मांग – सरकारी व्यवस्था की विडंबना यही है कि जहाँ ज़रूरत है वहाँ सुविधाएँ नहीं, और जहाँ सुविधाएँ हैं, वहाँ सेवाएँ ठप पड़ी हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति देपालपुर उप मंडी की है, जहाँ तमाम संसाधन होने के बावजूद मंडी वर्षों से बंद पड़ी है। परिणामस्वरूप, क्षेत्रीय किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अन्य दूरस्थ मंडियों का रुख करना पड़ रहा है, जिससे न केवल समय व धन की बर्बादी हो रही है, बल्कि आर्थिक शोषण भी झेलना पड़ रहा है।
लाइसेंसी व्यापारी घर से कर रहे खरीद
मंडी बंद होने का फायदा क्षेत्र के कुछ व्यापारियों ने उठा लिया है। उन्हें जो लाइसेंस मंडी परिसर में खरीद-फरोख्त के लिए मिला है, उसका उपयोग वे अपने घरों या दुकानों पर कर रहे हैं और किसानों से मनमाने दामों पर उपज खरीद रहे हैं। इससे पारदर्शिता और मूल्य प्रतिस्पर्धा का अभाव हो गया है।
किसानों की मांग – मंडी में हो नीलामी
किसान एवं पूर्व भाजपा मंडल उपाध्यक्ष श्री गजराज सिंह परमार ने कहा, “देपालपुर उप मंडी लम्बे समय से बंद है। व्यापारी मंडी परिसर में नहीं, बल्कि निजी स्थानों पर फसल खरीद रहे हैं। मंडी को शीघ्र पुनः शुरू किया जाए ताकि किसानों को लाभ मिल सके और उन्हें अन्य मंडियों में भटकना न पड़े।”
श्री गजराज सिंह बमोत्रिया सरपंच (सेमदा) ने भी कहा कि इस विषय में पूर्व में तहसील स्तर पर प्रदर्शन हो चुका है, परंतु मंडी कुछ समय चालू होकर फिर बंद कर दी गई।
स्थानीय व्यापार को भी हो रहा नुकसान
सेमदा के ही किसान श्री बालाराम डोड ने बताया कि मंडी बंद होने से किसान गौतमपुरा, बड़नगर व इंदौर की मंडियों में जाकर उपज बेचते हैं और वहीं से घरेलू सामान भी खरीद लाते हैं, जिससे देपालपुर के स्थानीय व्यापार पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
नीलामी व्यवस्था की मांग
किसान श्री मोनू राजेन्द्र पटेल (तलावली) ने कहा कि “मंडी में यदि नीलामी की व्यवस्था हो, तो किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा। वर्तमान में व्यापारी मनमाना रेट लगाकर अनाज खरीद रहे हैं। नीलामी से पारदर्शिता और प्रतियोगिता बढ़ेगी।”
प्रगतिशील कृषक और पूर्व अधिकारी भी समर्थन में
शाहपुरा के प्रगतिशील किसान श्री लाखन सिंह गेहलोत और पूर्व मार्केटिंग अध्यक्ष श्री भुवान सिंह पंवार ने भी इस माँग का समर्थन किया। श्री पंवार ने कहा कि “नीलामी व्यवस्था बंद होने से किसानों को घाटा हो रहा है। मेरे कार्यकाल में भी हमने नीलामी प्रारंभ करवाई थी, पर वह कुछ समय बाद रुक गई।”
प्रशासन की स्थिति स्पष्ट
गौतमपुरा मंडी के सचिव श्री जी.एस. चौहान ने बताया कि “देपालपुर उप मंडी में नीलामी का समय सुबह 11 से 12 बजे निर्धारित है, परंतु फिलहाल आवक बहुत कम है – अधिकतर एक-दो ट्रॉलियां ही आती हैं। मंडी में 25 लाइसेंसधारी व्यापारी हैं, परंतु केवल 7-8 ही सक्रिय हैं।”
देपालपुर उप मंडी के फिर से संचालन की मांग अब एक क्षेत्रीय आंदोलन का रूप ले रही है। किसानों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय व्यापारियों की एकजुट मांग है कि मंडी को पूरी तरह से चालू कर नीलामी व्यवस्था लागू की जाए, जिससे पारदर्शिता, उचित मूल्य और क्षेत्रीय आर्थिक संतुलन सुनिश्चित हो सके।
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