सागर जिले के किसानों को उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने की सलाह
31 जुलाई 2024, सागर: सागर जिले के किसानों को उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने की सलाह – सागर जिले के उप संचालक कृषि श्री बी एल मालवीय ने कृषकों को सलाह दी है कि वह डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरकों का प्रयोग करें। कृषि वैज्ञानिकों ने अपनी सलाह में कहा है कि डीएपी में केवल दो तत्व नाइट्रोजन व फास्फोरस प्राप्त होते हैं। जबकि एनपीके उर्वरक से फसलों के लिए आवश्यक सभी तीन मुख्य पोषक तत्वों नाइट्रोजन, सल्फर एवं पोटाश की उपलब्धता होती है। इस प्रकार एनपीके उर्वरक से नाइट्रोजन एवं सल्फर के अलावा पौधों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व पोटाश की पूर्ति किसान सफलतापूर्वक कर सकते हैं। अतः एनपीके उर्वरक का प्रयोग करने पर किसानों को अलग से पोटाश डालने की जरूरत नहीं पड़ती है व लागत में कमी आती है।
उप संचालक ने कहा है कि फसलों में उर्वरकों का संतुलित उपयोग लाभदायक होता है। डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट और एनपीके का उपयोग अधिक लाभदायी है। इससे जमीन को सल्फर की प्राप्ति होती है। सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग खेत की तैयारी के समय किया जाता है। जिससे यह फसलों में अधिक कारगर रहता है। डीएपी में उपलब्ध 18 प्रतिशत नाइट्रोजन में से केवल 15 प्रतिशत नाइट्रोजन तथा 46 प्रतिशत फास्फोरस में से 39 प्रतिशत फास्फोरस पानी में घुलकर फसलों को प्राप्त होता है। शेष फास्फोरस मिट्टी में जमा हो जाता है जिससे मिट्टी कठोर हो जाती है। इसकी जल धारण क्षमता घटती।
उप संचालक कृषि ने बताया कि किसान नैनो तकनीक पर आधारित खाद का भी उपयोग कर सकते हैं। फसलों के लिए 20 प्रतिशत नाइट्रोजन से युक्त नैनो यूरिया तथा 8 प्रतिशत नाइट्रोजन एवं 16 प्रतिशत फास्फोरस से युक्त नैनो डीएपी उपलब्ध है। इनके निर्धारित मात्रा में उपयोग से फसलों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
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