छत्तीसगढ़ के कृषक आधुनिक तकनीक से हो रहे लाभान्वित: ड्रोन दीदी योजना से 2200 एकड़ में किया गया छिड़काव
13 सितम्बर 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़ के कृषक आधुनिक तकनीक से हो रहे लाभान्वित: ड्रोन दीदी योजना से 2200 एकड़ में किया गया छिड़काव – छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के किसान खेती में आधुनिक तकनीक अपना रहे हैं। इसी कड़ी में “नमो ड्रोन दीदी योजना” के तहत किसानों को ड्रोन तकनीक उपलब्ध कराई गई है। इस योजना से खरीफ 2025 में लगभग 2200 एकड़ क्षेत्र में तरल उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव किया जा चुका है।
वर्तमान में जिले के सभी विकास खंडों में कुल 6 ड्रोन काम कर रहे हैं। प्रशिक्षित ड्रोन पायलटों के जरिए धान की फसल पर नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, कीटनाशक और अन्य तरल कृषि उत्पाद प्रभावी तरीके से छिड़के जा रहे हैं। ड्रोन तकनीक से मात्र 10 लीटर पानी का उपयोग कर 7 से 10 मिनट में एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव हो पाता है। इससे किसानों का समय और पानी दोनों की बचत हो रही है, साथ ही पौधों पर उत्पाद का असर भी बेहतर हो रहा है।
ड्रोन से खेती में हो रही क्रांति
उप संचालक कृषि दीपक नायक ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में ज्यादा प्रभावी हैं। ये नैनो तकनीक से बने उत्पाद फसलों पर जल्दी असर दिखाते हैं और इन्हें संभालना, परिवहन व भंडारण भी आसान है।
पारंपरिक यूरिया और डीएपी की एक बोरी के बजाय एक-एक बोतल नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग करके किसान ज्यादा लाभ पा सकते हैं। खासकर धान की फसल के लिए नैनो यूरिया का छिड़काव बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है।
नैनो उर्वरक से फसल उत्पादन और मृदा स्वास्थ्य में सुधार
नैनो उर्वरकों के उपयोग से फसलों की उत्पादकता बढ़ रही है और सरकार को रासायनिक उर्वरकों पर दिए जाने वाले भारी अनुदान का वित्तीय दबाव भी कम हो रहा है। साथ ही, ये नैनो उर्वरक मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं।
इस तरह, ड्रोन तकनीक और नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल से किसानों की मेहनत आसान हो रही है और वे बेहतर परिणाम पा रहे हैं। इसलिए जिले के किसान ड्रोन आधारित खेती की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
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