State News (राज्य कृषि समाचार)

ड्रोन से फसलों में छिड़काव

Share

6 जनवरी 2022, शाजापुर। ड्रोन से फसलों में छिड़काव  – कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर केन्द्र प्रमुख डॉ. जी.आर.अम्बावतिया एवं वैज्ञानिक डॉ. एस.एस.धाकड़ के तकनीकी मार्गदर्शन में आज फसलों में छिड़काव की उन्नत तकनीक ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। कृषि विज्ञान प्रक्षेत्र गरूड़ा एरोनोटिक्स, चेन्नई के सहयोग से किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र,प्रक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि बृह्मकुमारी इश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका पूनम दीदी,चन्दा दीदी, दीपक भाई एवं प्रगतिशील कृषक श्री विनोद जैन, श्री कैलाशचन्द्र, श्री लक्ष्मी नारायण पाटीदार सहित 70 से अधिक कृषक उपस्थित थे। इस दौरान केन्द्र प्रमुख डॉ. जी.आर.अम्बावतिया ने बताया की आज के डिजिटल युग में खेती भी आधुनिक होती जा रही है इसलिये कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा नये-नये कृषि यंत्रों का प्रदर्शन कृषि विज्ञान केन्द्र,प्रक्षेत्र तथा कृषकों के खेतों पर कर रहा है। ड्रोन जैसी तकनीक से कम समय तथा कम लागत में अधिक क्षेत्रफल में छिड़काव कर ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं। यह तकनीक उद्यानिकी फसलों संतरा,अमरूद, आम के साथ-साथ गेहू, सरसों, अरहर, चना आदि फसलों के लिये भी काफी उपयोगी है।

इस ड्रोन तकनीक के प्रदर्शन के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. एस.एस.धाकड़ ने बताया कि ड्रोन स्प्रेयर एक आधुनिक कृषि यंत्र है जिसमें ड्रोन की आधुनिक तकनीक द्वारा फसलों में कीटनाशकों तथा घुलनशील उर्वरकों का छिड़काव किया जा सकता है। इस ड्रोन तकनीक के माध्यम से सिर्फ 10 मिनट में 10 लीटर पानी में एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव कर सकते हैं। जबकि हस्त चलित स्प्रे पंप से एक एकड़ में छिड़काव करने में 8 से 10 घण्टे तथा 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। ड्रोन की बैटरी को चार्ज करने में 20 मिनट का समय लगता है। ड्रोन की कीमत 4 से 5 लाख रूपये है। इस ड्रोन तकनीक से समय, पानी तथा लेबर की काफी बचत होती है। ड्रोन द्वारा सभी प्रकार के कीटनाशक, फफूंदनाशक तथा घुलनशील उर्वरकों का छिड़काव किया जा सकता है। इस दौरान केन्द्र वैज्ञानिक डॉ. मुकेश सिंह, डॉ.गायत्री वर्मा, श्री रत्नेश विश्वकर्मा, श्री हितेन्द्र इंदौरिया, कु. निकिता नंद, श्री गंगाराम, श्री हाफिज खां के साथ ही गरूड़ा एरोनोटिक्स से रंजीत तथा हर्षवर्धन भी उपस्थित थे। इसी तरह का प्रदर्शन विगत 04 जनवरी 2022 को ग्राम भरड़ में भी किया गया था।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *