राज्य कृषि समाचार (State News)

उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग पर किसान के अनुभव

21 अगस्त 2025, छिंदवाड़ा: उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग पर किसान के अनुभव – जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम  एवं  बोरलाग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (BISA) के वैज्ञानिकों की सलाह पर श्री  रामप्रसाद कड़वे, ग्राम चारगांव, जिला छिंदवाड़ा ने उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग पर अपने अनुभव साझा किए।

श्री कड़वे ने कहा कि हम किसान भाइयों को अक्सर लगता है कि ज्यादा खाद डालने से फसल अच्छी होगी, लेकिन मेरा अनुभव कुछ और कहता है। पहले मैं भी अपनी फसल में 4-5 बोरी यूरिया और खूब सारी खाद डालता था। उस समय हमें लगता था कि जितनी ज्यादा खाद डालेंगे, उतनी अच्छी फसल होगी। लेकिन इससे हमारी जमीन भी धीरे-धीरे खराब हो रही थी और खर्च भी बहुत बढ़ जाता था। लेकिन जब से मैं जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम से जुड़ा हूं और बोरलाग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (BISA) के वैज्ञानिकों से मुझे सही मार्गदर्शन मिल रहा है, तब से मैंने उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग करना शुरू कर दिया है। अब मैं पहले की तुलना में लगभग आधी मात्रा में खाद डालता हूं , सिर्फ 2 बोरी यूरिया और लगभग 50 किलो एनपीके। और आप यकीन नहीं करेंगे, मेरी फसल पहले से कहीं ज्यादा स्वस्थ है और उपज भी अच्छी आने की पूरी उम्मीद है।  यह देखकर मुझे बहुत खुशी होती है कि कम खर्च में भी इतनी बढ़िया फसल हो सकती है।

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अब पहले जैसी खाद की परेशानी भी नहीं होती और ज़मीन पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता। यह बदलाव जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की वजह से आया है, जिसने हमें सिखाया है कि कम लागत में भी बेहतर फसल कैसे ली जा सकती है। यह सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि हर किसान के लिए एक सीख है। संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करके हम न केवल अपनी लागत कम कर सकते हैं, बल्कि अपनी मिट्टी और पर्यावरण को भी स्वस्थ रख सकते हैं।

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