राज्य कृषि समाचार (State News)

गेहूं की फसल में संतुलित मात्रा में करें खाद का उपयोग

16 नवंबर 2024, कटनी: गेहूं की फसल में संतुलित मात्रा में करें खाद का उपयोग – रबी मौसम में  गेहूं की फसल के लिये मिट्टी परीक्षण की अनुशंसा अनुसार संतुलित मात्रा में खाद का उपयोग करना चाहिए।

गेहूं फसल को नाइट्रोजन 120 किग्रा प्रति हेक्टेयर, फास्फोरस 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर और पोटाश 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर  की  दर  से आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति कृषक डीएपी के अतिरिक्त विभिन्न उर्वरक विकल्प के माध्यम से कर सकते हैं। कृषि विभाग के अधिकारी ने उर्वरक उपयोग करने के लिये किसानों को सलाह दी है कि गेहूं फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करने हेतु डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक सबसे अच्छा विकल्प है। यूरिया 213 किलो, एनपीके 187 किलो, एमओपी 17 किलो प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। इसी तरह यूरिया 260 किलो, एसएसपी 375 किलो, एमओपी 66 किलो प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।

 उप संचालक  कृषि ने जानकारी देते हुए बताया कि बाजार में एनपीके के विभिन्न विकल्प 12ः32ः16 या 10ः26ः26 एवं 16ः16ः16 एवं 20ः20ः13 के नाम से उपलब्ध है। बुवाई के समय एनपीके से फसलों में संतुलित मात्रा में पोषक तत्व आधार रूप से पौधे को उपलब्ध हो जाते हैं। इसके उपयोग से अलग से अन्य खाद की मात्रा देने की आवश्यकता नहीं होती है। संतुलित उर्वरक के उपयोग से उत्पादन लागत में कमी होती है और साथ ही उत्पादकता में वृद्धि होती है। इसलिये किसान डीएपी उर्वरक के स्थान पर एनपीके उर्वरक का उपयोग करें। मिट्टी परीक्षण के अनुशंसा अनुसार संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करें।भारत सरकार द्वारा मृदा का स्वास्थ्य अच्छा रहे एवं वातावरण प्रदूषित न हो, को ध्यान में रखकर  नैनो  यूरिया एवं  नैनो  डीएपी के उपयोग की सलाह दी जा रही है। इसलिये किसानों को सलाह है कि गेहूं फसल में दूसरी एवं तीसरी सिंचाई में दानेदार यूरिया के स्थान पर  नैनो यूरिया का उपयोग करें, जिससे कृषि में लागत भी कम होगी और उत्पादन में भी अपेक्षाकृत वृद्धि होगी।

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