सर्वे में किसानों से छल, वीडियो हुआ वायरल
01 मार्च 2024, पांढुर्ना: सर्वे में किसानों से छल, वीडियो हुआ वायरल – पिछले दिनों वर्षा एवं ओलावृष्टि से पांढुर्ना जिले में कई किसानों की गेहूं ,चना, सरसों और संतरे की फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रभावित किसानों के फसलों का सर्वे करने कृषि /उद्यान विभाग के अधिकारी और पटवारी खेतों में पहुंचे और पंचनामा बनाया। पीड़ित किसान के तो हस्ताक्षर ले लिए लेकिन मौके पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर नहीं करके छल किया । किसान द्वारा पंचनामे की कॉपी मांगने पर भी नहीं दी। खूब ज़ोर देने पर पंचनामा पढ़कर सुनाया गया । किसान ने इस मामले का वीडियो बना लिया,जो वायरल हो रहा है।
प्रस्तुत वीडियो पांढुर्ना के किसान श्री श्याम राव केवटे के खेत का है , जहाँ पटवारी श्री सतीश उइके ने पंचनामा बनाया और किसान के हस्ताक्षर लिए। लेकिन पटवारी और मौके पर मौजूद वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी , पांढुर्ना, श्री सुनील गजभिए और उद्यानिकी अधिकारी श्री छन्नूराम उइके ने पंचनामे पर किसानों की उपस्थिति में हस्ताक्षर नहीं किए और पटवारी ने पंचनामा फोल्डर में रख लिया। जब किसान ने पटवारी से पंचनामे की कॉपी मांगी तो पटवारी ने मना कर दिया और कहा कि प्रमाणित प्रति बाद में मिलेगी । संबंधित किसान का कहना था कि हमारे पास भी सबूत होना चाहिए, कि हमारे खेत में सर्वे हुआ। खूब ज़ोर देने पर पटवारी ने पंचनामा पढ़कर सुनाया। किसान ने इस घटना का वीडियो बना लिया ।
कृषक जगत ने इस मामले की पड़ताल की। पांढुर्ना के प्रभारी तहसीलदार श्री राजेश पटवा ने कहा कि किसान को पंचनामे की प्रति देने का प्रावधान नहीं है। सर्वे के बाद प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों की सूची बनाई जाएगी जो संबंधित ग्राम पंचायत में चस्पा की जाएगी। यहाँ इस बात का उल्लेख प्रासंगिक है कि वर्ष 2023 में धावड़ीखापा के किसान श्री मंसाराम पिता झोटया खोड़े और वनमाला पति मंसाराम खोड़े की गेहूं ,सरसों और संतरा की फसल प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुई थी, जिसका 16 मार्च 2023 को राजस्व , कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने सर्वे कर पंचनामा बनाया था। जिसमें 30 % हानि का उल्लेख कर पीड़ित किसानों के अलावा उपस्थित अन्य किसानों के हस्ताक्षर करवा लिए थे। तब भी पंचनामे की कॉपी नहीं दी गई और न ही किसानों की सूची ग्राम पंचायत में चस्पा की गई तो पीड़ित किसान द्वारा सूचना के अधिकार के तहत पंचनामे की कॉपी तहसीलदार, पांढुर्ना से मांगी गई, लेकिन नहीं दी गई । द्वितीय अपील एसडीएम, पांढुर्ना को की गई , फिर भी उक्त पंचनामे की कॉपी नहीं दी गई। अभी यह मामला राज्य सूचना आयोग ,भोपाल में लंबित है। कहने का आशय यह कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा सर्वे में निरक्षर और भोले किसानों से छल किया जाता है, जिसका खामियाजा निर्दोष किसानों को भुगतना पड़ता है।
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)