राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

बारिश के मौसम में किसानों को पशुओं की चिंता, पहले से ही रहे सावधान

20 जून 2025, भोपाल: बारिश के मौसम में किसानों को पशुओं की चिंता, पहले से ही रहे सावधान – बारिश का मौसम आते ही पशुपालक किसानों को अपने यहां पशुओं की चिंता शुरू हो जाती है. दरअसल पशु चिकित्सकों का यह कहना है कि बारिश के दिनों में पशुओं को बीमारियां हो जाती है इसलिए पशुपालक किसानों को पहले से ही सावधानी बरतने की जरूरत है.

सलाह दी गई है कि  बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा खतरा खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारी का होता है, जिसमें मवेशियों के पैरों में घाव हो जाते हैं. यह बीमारी तब फैलती है जब पशु लगातार कीचड़ या गीली ज़मीन पर बंधे रहते हैं. इसलिए पशुओं को हमेशा सूखी, साफ और हवादार जगह पर रखें. ध्यान दें कि यदि पैर गीले हो जाएं तो उन्हें कपड़े से अच्छी तरह सुखाएं. बरसात में हरा चारा जल्दी सड़ जाता है, जिससे उसमें फंगस या संक्रमण हो सकता है. संक्रमित चारा गलघोंटू जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बनता है. इसलिए पशुओं को हमेशा सूखा, साफ और ताजा चारा ही खिलाएं. अगर चारे में नमी है तो उसे पहले सुखाएं. इसके अलावा, भूसे में अगर जाला या फफूंदी दिखे तो धोकर और सुखाकर ही पशुओं को खिलाएं. बरसात में जब मवेशी लगातार भीगते हैं तो उनमें सर्दी, न्यूमोनिया और ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. इन बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है कि पशु भीगने के बाद तुरंत पोंछ दिए जाएं और उन्हें गर्म व हवादार स्थान में रखा जाए. इस समय छोटे बछड़ों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. बारिश में ज्यादा हरा चारा देना भी नुकसानदायक हो सकता है. इससे पेट की गड़बड़ी या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर यूरिया मोलासिस ट्रीटमेंट उपलब्ध हो तो वही चारा दें. क्योंकि इससे चारा की क्वालिटी भी बढ़ेगी और पाचन भी आसान होगा. चारा देते समय हमेशा याद रखें कि स्वस्थ आहार ही पशु स्वास्थ्य की पहली शर्त है.

Advertisement
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement