राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

मानसून समय पर, फसलें समय पर: खरीफ 2025 में धान और सोयाबीन की बुआई में तेज़ी

18 जून 2025, नई दिल्ली: मानसून समय पर, फसलें समय पर: खरीफ 2025 में धान और सोयाबीन की बुआई में तेज़ी – देशभर में दक्षिण-पश्चिम मानसून की समय पर दस्तक के साथ ही खरीफ 2025 की बुआई भी सक्रिय रूप से शुरू हो चुकी है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि विभाग द्वारा 13 जून 2025 तक की फसल बुआई की रिपोर्ट जारी की गई है। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक कुल 89.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.48 लाख हेक्टेयर अधिक है।

धान की बुआई में सकारात्मक रुझान

धान, जो भारत की प्रमुख खरीफ फसल है, इस वर्ष अब तक 4.53 लाख हेक्टेयर में बोया जा चुका है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि तक यह क्षेत्रफल 4.00 लाख हेक्टेयर था। यह 0.53 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है। यह शुरुआती संकेत दर्शाते हैं कि पूर्वी भारत के राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता ने धान की रोपाई को गति दी है।

दालों में बुआई का विस्तार, उड़द और मूंग की बढ़त

दालों की कुल बुआई अब तक 3.07 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो कि पिछले साल के 2.60 लाख हेक्टेयर से 0.47 लाख हेक्टेयर अधिक है। इस वृद्धि में उड़द और मूंग प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। उड़द का क्षेत्रफल 0.18 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.43 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि मूंग 1.38 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.56 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

हालांकि, अरहर में थोड़ी गिरावट देखी गई है — पिछले साल के 0.41 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल यह 0.30 लाख हेक्टेयर है। कुल्थीऔर अन्य दलहन फसलों में हल्की वृद्धि दर्ज की गई है। माठबीन की बुआई अभी शुरू नहीं हुई है।

मोटे अनाज (श्री अन्न) में मिश्रित रुझान, बाजरा सबसे आगे

सरकार द्वारा श्री अन्न घोषित मोटे अनाजों का कुल बुआई क्षेत्र 5.89 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल लगभग समान 5.90 लाख हेक्टेयर था। इसमें बाजरा की बुआई में 0.83 लाख हेक्टेयर की तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो इस समय सबसे अधिक सकारात्मक संकेत है। वहीं, ज्वार में भी 0.26 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।

इसके उलट, रागीछोटे मिलेट्स और मक्का में क्रमशः 0.290.14 और 0.68 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है। मक्का में गिरावट मध्य भारत में देर से वर्षा या फसल चक्र बदलाव के कारण हो सकती है।

तिलहन फसलों में जबरदस्त उछाल, सोयाबीन सबसे आगे

तेलहन फसलों का कुल क्षेत्रफल 2.05 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 1.50 लाख हेक्टेयर से 0.55 लाख हेक्टेयर अधिक है। इस वृद्धि में सोयाबीन ने अग्रणी भूमिका निभाई है, जो 0.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.07 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

तिलसूरजमुखी और अन्य तिलहनों में भी हल्की बढ़त देखी गई है, जबकि मूंगफली में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। नाइगर और कैस्टर की बुआई अभी शुरू नहीं हुई है या बहुत सीमित है।

गन्ना और कपास की स्थिति स्थिर, जूट में थोड़ी गिरावट

गन्ने की बुआई 55.07 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल से 0.20 लाख हेक्टेयर अधिक है। यह सरकार की एथनॉल मिश्रण नीति और चीनी मिलों के भरोसेमंद खरीदी तंत्र का सकारात्मक प्रभाव दर्शाता है।

जूट व मेस्ता का क्षेत्रफल 5.48 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की तुलना में 0.17 लाख हेक्टेयर कम है। कपास की बुआई 13.19 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल से थोड़ी कम (13.28 लाख हेक्टेयर) है।

13 जून 2025 तक खरीफ फसलों की बुआई प्रगति (लाख हेक्टेयर में)

फसल वर्गऔसत सामान्य क्षेत्र (2019-24)बुआई क्षेत्र 2025बुआई क्षेत्र 2024वृद्धि / कमी
धान403.094.534.00+0.53
कुल दलहन129.613.072.60+0.47
– अरहर44.710.300.41-0.11
– उड़द32.640.430.18+0.24
– मूंग35.691.561.38+0.17
– कुल्थी1.720.060.04+0.02
– माठबीन9.700.000.000.00
– अन्य दलहन5.150.730.59+0.15
श्री अन्न (कुल मोटे अनाज)180.715.895.90-0.02
– ज्वार15.071.010.75+0.26
– बाजरा70.690.860.03+0.83
– रागी11.520.020.31-0.29
– छोटे मिलेट्स4.480.400.55-0.14
– मक्का78.953.604.28-0.68
कुल तिलहन194.632.051.50+0.55
– मूंगफली45.100.580.71-0.13
– सोयाबीन127.191.070.40+0.66
– सूरजमुखी1.290.220.220.00
– तिल10.320.150.13+0.02
– नाइगर1.080.000.000.00
– कैस्टर9.650.010.00+0.00
– अन्य तिलहन0.000.030.030.00
गन्ना52.5155.0754.88+0.20
जूट व मेस्ता6.595.485.65-0.17
कपास129.5013.1913.28-0.09
कुल खरीफ क्षेत्र1096.6489.2987.81+1.48

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