गेहूं भंडारण पर सरकार का शिकंजा, नियम तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई
21 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: गेहूं भंडारण पर सरकार का शिकंजा, नियम तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई – केंद्र सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं स्टॉक सीमा में कटौती की है। अब व्यापारी, खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता और प्रोसेसर को कम मात्रा में गेहूं रखने की अनुमति होगी। यह संशोधित सीमा 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी।
क्या बदला है?
सरकार के नए आदेश के मुताबिक-
- व्यापारी/थोक विक्रेता: पहले 1000 मीट्रिक टन स्टॉक कर सकते थे, अब सिर्फ 250 मीट्रिक टन ही रख सकेंगे।
- फुटकर विक्रेता: हर आउटलेट के लिए पहले 5 मीट्रिक टन की सीमा थी, अब 4 मीट्रिक टन कर दी गई है।
- बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता: हर आउटलेट पर पहले 5 मीट्रिक टन स्टॉक रखा जा सकता था, अब यह 4 मीट्रिक टन हो गया है।
- प्रोसेसर: अप्रैल 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (MIC) का 50% ही स्टॉक कर सकेंगे।
सरकार की सख्ती, व्यापारियों की निगरानी
सरकार ने आदेश दिया है कि सभी गेहूं भंडारण करने वाले व्यापारियों और संस्थानों को स्टॉक सीमा पोर्टल (evegoils.nic.in) पर पंजीकरण कराना होगा और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति अपडेट करनी होगी।
अगर कोई व्यापारी या संस्था स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, तो आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत कार्रवाई होगी।
इसके अलावा, जिन व्यापारियों के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक है, उन्हें आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे तय सीमा तक लाना होगा।
फैसले में बदलाव का सिलसिला जारी
सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पहले 24 जून 2024 को स्टॉक सीमा आदेश जारी किया था। इसके बाद 9 सितंबर 2024 और 11 दिसंबर 2024 को इसमें संशोधन किए गए। अब एक बार फिर इसमें बदलाव किया गया है, जो दिखाता है कि सरकार लगातार इस नीति को सख्त बना रही है।
मकसद: कीमतों पर नियंत्रण या व्यापारियों पर दबाव?
सरकार का कहना है कि इस कदम से महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। साथ ही, यह समग्र खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन और जमाखोरी-सट्टेबाजी रोकने के लिए उठाया गया कदम है।
हालांकि, व्यापारियों का मानना है कि इससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है और कारोबारियों पर अनावश्यक दबाव बढ़ेगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रबी 2024 के दौरान 1132 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है। फिर भी, स्टॉक सीमा घटाने के फैसले ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि कहीं इससे आपूर्ति प्रभावित तो नहीं होगी?
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