विकास कार्यक्रमों का लाभ ग्रामीण समाज के हर वर्ग को मिले
18 जुलाई 2024, नई दिल्ली: विकास कार्यक्रमों का लाभ ग्रामीण समाज के हर वर्ग को मिले – केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने सुषमा स्वराज भवन नई दिल्ली में आयोजित निष्पादन समीक्षा समिति (पीआरसी) की बैठक में कहा कि इस समिति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारी योजनाओं और कार्यक्रमों का सही और प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है।
श्री कमलेश पासवान ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय का उद्देश्य बहुआयामी नीतियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी और स्थाई विकास करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास तभी संभव है, जब वर्तमान ग्रामीण अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ नए अवसरों का निर्माण हो, जिसके फलस्वरूप आजीविकाओं के अवसर बढ़ेगें, रोजगार का सृजन होगा, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवा साथियों को वहीं कौशल विकास के माध्यम् से वहीं रोजगार के अवसर प्राप्त होगें। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले युवा मात्र रोजगार लेने वाले ही नहीं अपितु रोजगार देने वाले भी बनेंगें।
श्री पासवान ने कहा कि “लखपति दीदी” और “ड्रोन दीदी” जैसी पहलें ग्रामीण भारत का चेहरा बदल सकती हैं। । श्री पासवान ने कहा कि यह सुनिश्चित करना है कि हमारे विकास कार्यक्रमों का लाभ ग्रामीण समाज के हर वर्ग को पहुँचे, विशेष रूप से वे ग्रामीण जो आज भी विकास की मुख्यधारा से दूर हैं। आकांक्षी जिलों और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास की रफ्तार में अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले नौजवान अपनी पढ़ाई तक पूरी नहीं कर पाते हैं, ऐसे ही नौजवानों को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है। श्री कमलेश पासवान ने कहा कि मेरा मानना है कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के प्रशिक्षित नौजवानों को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है, इसके लिए कंपनियों और नियुक्तियों के साथ बैठकें आयोजित करनी होगी।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: