राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

धन बरसाए शक्तिवर्धक हाइब्रिड की बासमती धान की किस्में

15 फ़रवरी 2025, इंदौर: धन बरसाए शक्तिवर्धक हाइब्रिड की बासमती धान की किस्में – देश की प्रतिष्ठित बीज कम्पनी शक्तिवर्धक हाइब्रिड सीड्स प्रा लि की बासमती धान की किस्में गुणवत्तायुक्त होने के साथ ही बेहतर भी उत्पादन देती है, जिससे किसानों को अपनी उपज का उचित दाम मिलने से मानो उनके यहां धन बरसता है।

कम्पनी के जोनल मैनेजर श्री विशाल दुहन ने बासमती धान की किस्मों पीबी -1509 ,पीबी-1692 ,पीबी -1847 ,पीबी -1885  और पीबी -1886 की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि –

पीबी -1509 – बासमती धान की जल्दी पकने वाली किस्म है , जिसकी परिपक्वता अवधि 110 -115  दिन है। यह किस्म ब्लास्ट और पत्ता मरोड़ के प्रति सहनशील है। इसके दाने सुगंधित होने के साथ ही पकने पर झड़ते नहीं है। भरपूर पैदावार वाली यह किस्म गेहूं-धान फसल चक्र के लिए उपयुक्त है।

पीबी-1692 – यह भी बासमती धान की जल्दी पकने वाली किस्म है। जो 115 -120  दिन में पक जाती है। यह अर्ध बौनी और न गिरने वाली किस्म है , जिसके दाने पकाई के नहीं झड़ते हैं। इसके दाने लम्बे, पतले और आकर्षक होते हैं।

पीबी -1847  – यह उच्च उत्पादन क्षमता वाली बासमती धान की अर्ध बौनी किस्म है जो 120  दिन में पक जाती है।  इसके भी दाने पकने पर झड़ते नहीं है। यह बैक्टीरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी किस्म है।

पीबी -1885 – यह भी उच्च उत्पादन क्षमता वाली बासमती धान की अर्ध बौनी किस्म है। इसके पौधों की ऊंचाई करीब 120 से मी होती है। यह किस्म 140-145  दिन में पक जाती है। इसका दाना अत्यधिक लम्बा  तीव्र सुगंध वाला होता है।  पकने पर दाने की लम्बाई 16.5  मि मी हो जाती है। इसके खोखले दाने नहीं होते हैं। यह बैक्टीरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी किस्म है। इन दोनों  बीमारियों के प्रबंधन में एंटीबायोटिक्स तथा फंगीसाइड  के प्रयोग से बचना चाहिए।

पीबी -1886- यह बासमती धान की उच्च उत्पादन क्षमता वाली अर्ध बौनी किस्म है, जिसके पौधे की ऊंचाई 95 से मी होती है। यह किस्म 140 -145 दिन में पक जाती है। इसका दाना अत्यधिक लम्बा और तीव्र सुगंध वाला होता है। पकने पर दानों की लम्बाई 15.2  मि मी हो जाती है।  यह भी बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी किस्म है। इसमें भी  एंटीबायोटिक्स तथा फंगीसाइड  के प्रयोग से  बचने की सलाह दी गई है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements