किसानों के समक्ष हैप्पी सीडर से ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी का प्रदर्शन
09 अप्रैल 2025, जबलपुर: किसानों के समक्ष हैप्पी सीडर से ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी का प्रदर्शन – कृषि विभाग जबलपुर द्वारा नरवाई जलने से खेत की उर्वरक शक्ति को होने वाले नुकसान को रोकने किये जा रहे जागरूकता के प्रयासों के तहत गत दिनों विकासखण्ड पाटन के ग्राम पोंडी के किसान श्री मुरारी लाल पटेल के खेत में ग्रीष्मकालीन मूंग की बोनी का हैप्पी सीडर से किसानों के समक्ष जीवंत प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन के दौरान मौके पर मौजूद किसानों को अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने बताया कि हैप्पी सीडर नरवाई प्रबंधन की हाई टेक विधि है। उन्होंने बताया कि हैप्पी सीडर द्वारा फसल काटकर सीधे बोनी की जाती है। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को नरवाई प्रबंधन से होने वाले फायदों से भी अवगत कराया। किसानों को बताया गया कि नरवाई से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है। नरवाई मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जोड़ती है, जिससे मिट्टी की संरचना, जल धारण क्षमता और उर्वरता बढ़ती है। इसके साथ ही नरवाई मिट्टी की सतह को ढंककर रखती है, जिससे वाष्पीकरण कम होता है और मिट्टी में नमी बनी रहती है। नरवाई खरपतवारों के अंकुरण और विकास को दबाने में भी मदद करती है। यह मिट्टी को बहने और कटने से बचाती है और धीरे-धीरे विघटित होकर मिट्टी में पोषक तत्वों को वापस लाती है। नरवाई मल्च के रूप में कार्य करती है, जो शून्य जुताई जैसी टिकाऊ कृषि पद्धतियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। प्रदर्शन के दौरान किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी में नरवाई प्रबंधन के तरीके भी बताये गये। किसानों को बताया गया कि पिछली फसल की कटाई के बाद नरवाई को खेत में ही छोड़ दें और यदि नरवाई बहुत अधिक है, तो उसे काटकर फैला दें, ताकि मूंग की बोनी में आसानी हो। यह विधि मिट्टी की नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने और मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है। शून्य जुताई विधि अपनाने वाले किसानों के लिए यह विशेष रूप से उपयोगी है।
किसानों से कहा गया कि पिछली फसल की कटाई के बाद खेत की हल्की जुताई करें ताकि नरवाई मिट्टी में मिल जाए। यह नरवाई के विघटन को तेज करता है और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाता है। हालांकि किसानों को यह ध्यान रखने भी कहा गया कि अधिक जुताई मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। यदि मेड़ और कुंड विधि से मूंग की बोनी की जा रही हो तो नरवाई को काटकर मेड़ों पर लगाया जा सकता है। यह खरपतवार नियंत्रण और नमी संरक्षण में मदद करेगा। नरवाई को अन्य जैविक कचरे के साथ मिलाकर खाद बनाई जा सकती है। यह खाद मूंग की फसल के लिए एक उत्कृष्ट जैविक उर्वरक के रूप में काम करेगी। यदि पिछली फसल में कोई बीमारी या कीट संक्रमण था, तो नरवाई को खेत में छोड़ने से पहले उसे उपचारित करना या हटाना बेहतर हो सकता है। प्रदर्शन में किसानों को यह भी जानकारी दी गई कि हैप्पी सीडर को किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर खरीद सकते हैं । इसकी अनुमानित राशि 2 लाख 60 हजार से 2 लाख 85 हजार रुपये है। इस पर 1 लाख 5 हजार रुपये का अनुदान भी कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा दिया जाता है। हैप्पी सीडर से ग्रीष्मकालीन मूंग के प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पंकज श्रीवास्तव एवं कृषि विस्तार अधिकारी सीमा राउत तथा किसान भैया पटेल, ओमकार पटेल, उमेश पटेल, नीलेश पटेल, महेंद्र पटेल, निमित पटेल एवं अन्य किसान उपस्थित थे।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: