ग्लाइफोसेट मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थगन दिया
23 नवम्बर 2022, इंदौर: ग्लाइफोसेट मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थगन दिया – केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा गत दिनों व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले शाकनाशी ग्लाइफोसेट के सार्वजनिक उपयोग को प्रतिबंधित कर केवल पेस्ट कण्ट्रोल ऑपरेटर्स (पीसीओ ) को उपयोग की अनुमति दी गई थी। सरकार की इस अधिसूचना के खिलाफ कीटनाशक निर्माता संगठन द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। जहाँ आज मामले की हुई सुनवाई में अदालत ने ग्लाइफोसेट के उपयोग पर प्रतिबंध को लेकर जारी की गई अधिसूचना पर 7 मार्च 2022 तक स्थगन दे दिया है।
इस संबंध में सुमिटोमो केमिकल इण्डिया लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट श्री अनिल कक्कड़ ने कृषक जगत को बताया कि ग्लाइफोसेट मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज 7 मार्च, 2023 तक के लिए स्थगन दे दिया है और इस अधिसूचना के कार्यान्वयन को रोकने के निर्णय को सभी राज्य सरकारों को सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है। सरकार की ओर से एएसजी ने कहा कि सभी हितधारकों के परामर्श से अधिसूचना पर नए सिरे से विचार करेंगे। श्री कक्कड़ ने कहा कि अदालत ने माना कि यह अधिसूचना गलत है। हमने तो सरकार से पहले भी इस विषय पर चर्चा करने को कहा था , लेकिन सरकार ने हमारी बात नहीं मानी। अब अदालत द्वारा स्थगन दिए जाने के बाद सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी हितधारकों के परामर्श कर नए सिरे से विचार करेंगे। औपचारिक आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है।
ग्लाइफोसेट क्या है? -ग्लाइफोसेट एक शाकनाशी है, जिसका उपयोग खरपतवारों को मारने के लिए किया जाता है – अवांछनीय पौधे जो पोषक तत्वों, पानी और धूप के लिए फसलों से प्रतिस्पर्धा करते हैं और फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान उन्हें हाथों से हटाते हैं या शाकनाशियों का छिड़काव करते हैं।
महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (19 नवम्बर 2022 के अनुसार)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम )