‘निसर्ग’ ने किया मंडियों को बेहाल
‘निसर्ग’ ने किया मंडियों को बेहाल
‘निसर्ग’ ने किया मंडियों को बेहाल – मुम्बई को बचाते आया ‘निसर्ग’ तूफान म.प्र. में प्री-मानसून वर्षा का आनन्द दे गया। परन्तु किसान भाईयों के जख्मों पर तेजाबी बारिश भी कर गया। मध्य प्रदेश के 4 हजार से ऊपर खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था की परतें पूरी तरह खुल गई। अभी तक जेठ की धूप से किसान मंडियों के खुले प्रांगण में 8-8 घंटे अनाज तुलवाने के लिए लाईन में खड़ा था। अब निसर्ग तूफान के कारण उसका तुला-अनतुला गेहूं गीला होकर सड़ रहा है।
सरकार परंपरानुसार सीना तानकर दावे कर रही है कि भण्डारण का पर्याप्त इंतजाम है, शेड की पूरी व्यवस्था है, खरीदे गए गेहूं का परिवहन कर लिया गया है। कृषक जगत के पाठकों ने ये तस्वीर भेजी है, जिसे हम यहां जस का तस प्रकाशित कर रहे हैं। इन सारे बदइंतजामात में मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनियों, सूचनाओं को भी सुविधा से नकारने में संबंधित एजेंसियों, अधिकारियों की जवाबदेही तय होना चाहिए। मंत्रालय में गंभीरता से समीक्षा होती रही कि 24 घंटे में गेहूं खरीदी केन्द्रों से उठ कर परिवहन हो रहा है वहीं खरीदी केन्द्रों में हफ्तों से पड़ा गेहूं ‘निसर्ग’ की भेंट चढ़ गया।