व्यापारियों का सोयाबीन किसानों के नाम मंडियों में न खपाया जाए- कलेक्टर राजगढ़
22 नवंबर 2024, राजगढ़: व्यापारियों का सोयाबीन किसानों के नाम मंडियों में न खपाया जाए- कलेक्टर राजगढ – कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने कहा कि सोयाबीन की उपार्जन व्यवस्था पर पूरी नजर रखी जाए। किसी भी सूरत में व्यापारियों का माल किसानों के नाम पर मंडियों में न खपाया जाए। उन्होंने कहा कि अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं तहसीलदार व्यापारियों के पास आ रहे सोयाबीन के स्टॉक का सत्यापन करें। साथ ही बिना अनुज्ञा के माल व्यापारियों द्वारा अन्यत्र न भेजा जाए, यह सुनिश्चित करें। बुधवार को आयोजित जिला उपार्जन समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि व्यापारी अपना माल कहां भेज रहे हैं, प्रशासन की जानकारी में रहे। बिना अनुज्ञा के कोई भी व्यापारी अपना माल बाहर नहीं भेजें। व्यापारियों को इस व्यवस्था से सचेत भी कर दिया जाए।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि व्यापारियों के गोदामों में भंडारित सोयाबीन का स्टॉक परीक्षण भी संबंधित क्षेत्र के एसडीएम एवं तहसीलदार द्वारा किया जाए। गोदामों में खरीदी अनुसार स्टॉक का भंडारण हो। बैठक में कलेक्टर ने कम आवक वाले सोयाबीन उपार्जन केन्द्रों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आवक कम होने के कारणों पर ध्यान दिया जाए। उपार्जित सोयाबीन के परिवहन की व्यवस्था की भी कलेक्टर द्वारा समीक्षा की गई एवं निर्देश दिए गए कि परिवहन व्यवस्था में गैप न रहे। परिवहन व्यवस्था में जानकारी संधारित न रहने पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक को चेतावनी जारी करने के निर्देश भी दिए गए। उपार्जित सोयाबीन भुगतान व्यवस्था की भी कलेक्टर द्वारा समीक्षा की गई । उपार्जित सोयाबीन की स्वीकार्यता की जानकारी अपडेट न होने पर जिला विपणन अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि सभी एसडीएम वेयर हाउस में भंडारित सोयाबीन स्टॉक का भी सत्यापन करें। कलेक्टर ने इस दौरान बारदानों एवं उपलब्धता की भी समीक्षा की।
उर्वरक की उपलब्धता एवं वितरण की व्यवस्था पर पूरा ध्यान रखें – बैठक में कलेक्टर ने जिले में उर्वरक की आपूर्ति एवं वितरण व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होने कहा कि उर्वरक की उपलब्धता में किसानों को दिक्कत न आए, यह सुनिश्चित किया जाए। सभी एसडीएम निरीक्षण करें कि किसानों को उनके रकबे के मान से ही उर्वरक मिले। सहकारी समितियों की विक्रय व्यवस्था एवं किसानों को रकबा वार विक्रय की स्थिति का परीक्षण किया जाए। निजी क्षेत्र के विक्रेताओं के द्वारा विक्रय किए जा रहे उर्वरक की व्यवस्था पर भी नजर रखी जाए।
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