फसल बीमा : जागे कौन किसान या सरकार ?
(विशेष प्रतिनिधि)
5 जुलाई 2021, भोपाल I फसल बीमा : जागे कौन किसान या सरकार ? – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा ”आजादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत 1 से 7 जुलाई तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अभियान का शुभारंभ केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया। उन्होंने सभी राज्यों से फसल बीमा सप्ताह में योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कहा है। लेकिन उनके गृह प्रदेश में तो प्रदेश सरकार ही योजना के प्रति जागरूक नजर नहीं आ रही है। म.प्र. में अभी तक इस वर्ष के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ही प्रारंभ नहीं हो पाई है। प्रदेश सरकार योजना को किसानों के लिये अधिकतम लाभप्रद बनाने के प्रयास में विचार मंथन में ही लगी है। जबकि मानसून का एक दौर गुजर चुका है। किसानों ने खरीफ की बोवनी शुरू कर दी है। हालांकि अभी खरीफ फसलों की बोवनी धीमी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के जोखिम को कम करने के लिये बुवाई से पूर्व चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र को शामिल किया गया है। ऐसे में बोवनी होते ही फसल का बीमा आवश्यक है।
प्रदेश के चालू खरीफ सीजन के परिदृश्य में मानसून का अचानक रूठ जाना बोवनी कर चुके किसानों के लिये चिंता का विषय है। ये चिंता इसलिए बढ़ जाती है कि अभी फसल बीमा योजना प्रारंभ नहीं हुई है। यदि वर्षा होने में विलंब होता है तो बोवनी बिगडऩे से हुए नुकसान की भरपाई कैसे होगी? इधर खरीफ सीजन के लिये केन्द्र द्वारा फसल बीमा के लिए निर्धारित अंतिम तिथि भी नजदीक है। मध्य प्रदेश से लगे दूसरे राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान में खरीफ फसलों के बीमा का काम जोर-शोर से चल रहा है। फसल बीमा जागरूकता सप्ताह भी इन प्रदेशों में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार को भी किसानों को जागरूक करने से पहले स्वयं जाग कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को फाइलों से बाहर निकाल कर किसान तक पहुँचाना होगा, तभी प्रदेश का किसान जोखिम रहित खेती पर पायेगा।