फसल विविधीकरण से कृषि में बेहतर लाभ मिल सकता है कृषि वैज्ञानिकों ने किया कृषक के खेतों का भ्रमण
31 मई 2024, सिवनी: फसल विविधीकरण से कृषि में बेहतर लाभ मिल सकता है कृषि वैज्ञानिकों ने किया कृषक के खेतों का भ्रमण – मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र, के वैज्ञानिकों के तकनीकी मार्गदर्शन एवं सलाह से सतत बेहतरीन खेती करने वाले प्रगतिशील कृषक श्री शिवराम सनोडिया के प्रक्षेत्र पर कृषि वैज्ञानिको द्वारा भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ शेखर सिंह बघेल, मुदा वैज्ञानिक डॉ. के. के. देशमुख, उद्यानिकी विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ. एन. क. सिंह एवं इंजीनियर कुमार सोनी द्वारा द्वारा ग्राम सिमरिया, हथनापुर के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय विभिन्न कृषि के नवाचार एवं कार्यों के बेहतर खेती करने हेतु पुरस्कार प्राप्त एवं अन्य कृषको के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करने वाले श्री शिवराम सनोडिया के प्रक्षेत्र पर समय अनुकूल खेती की तकनीकी सलाह एवं जानकारी प्रदान की गई। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर फसल विविधीकरण के अंतर्गत क्षेत्र पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के साथ ही खरबूज की खेती, सब्जी वर्गीय फसलों में करेला, भटा एवं आगामी समय की तैयारी को लेकर फूलगोभी एवं पत्ता गोभी की खेती हेतु तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया।
कृषि वैज्ञानिकों ने श्री सनोडिया को खरीफ मौसम हेतु फसल विविधीकरण के अंतर्गत सोयाबीन, मक्का एवं धान की नवीनतम किस्मो का चयन कर खेती करने की सलाह दी ताकि मौसम के विपरीत प्रभाव पर भी फसल उत्पादन में कम नुकसान हो। फसल विविधीकरण के अंतर्गत किसान भाइयों को खरीफ में विशेष रूप से मक्का, धान, अरहर, मूंग, उडद एवं सोयाबीन की खेती के लिये अपने खेत की मदा की जांच के उपरांत फसलो का चयन कर बेहतर उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। कृषक भाईयों को मिटटी की जांच ग्रीष्मकाल में करवाना चाहिए एवं जांच उपरान्त मृदा स्वास्थ्य पत्रक प्राप्त होता है जिसमें संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन की संपूर्ण जानकारी किसान भाइयों को प्राप्त हो जाती है और भूमि के गुणों के आधार पर संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन कर उत्तम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।