राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

22 जनवरी 2025, रायपुर: छत्तीसगढ़: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन –  छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने अपने 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का विषय “कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक अनुसंधान पहल” था। कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने किया।

मंत्री श्री नेताम ने किसानों के जीवन में कृषि तकनीकों और अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज के समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं और उन्नत तकनीकों के माध्यम से कृषि को एक नई दिशा मिल रही है।” उन्होंने विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए वैज्ञानिकों से उत्कृष्ट कार्य करने का आह्वान किया।

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विश्वविद्यालय की प्रगति और उपलब्धियां

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने विश्वविद्यालय की 38 वर्षों की यात्रा और उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अब तक 52 फसलों की 162 प्रजातियों का विकास किया है और 100 से अधिक कृषि तकनीकें तैयार की हैं। चावल अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में विश्वविद्यालय में 47 शासकीय और 15 निजी कृषि महाविद्यालय संचालित हैं, जिनमें लगभग 9000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

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कार्यक्रम के दौरान, छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होने वालों में डॉ. गिरीश चंदेल, श्री नारायण भाई चावड़ा, डॉ. बी.आर. चंद्रवंशी, और डॉ. एम.एन. श्रीवास्तव शामिल थे।

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राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों और देशों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया। सम्मेलन में कृषि अनुसंधान और तकनीकी विकास के विषय पर विचार-विमर्श किया गया।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कृषि, विज्ञान, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधानों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मौके पर शोध और शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में वैज्ञानिक, प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे। सम्मेलन के आगामी दो दिनों में कृषि और प्रौद्योगिकी से जुड़े नए आयामों पर चर्चा जारी रहेगी।

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