छत्तीसगढ़: धान निपटान के लिए मंत्रिमंडलीय बैठक में अहम फैसले, 15 जुलाई तक समयसीमा बढ़ी
28 जून 2025, रायपुर: छत्तीसगढ़: धान निपटान के लिए मंत्रिमंडलीय बैठक में अहम फैसले, 15 जुलाई तक समयसीमा बढ़ी – छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के बाद इसके निपटान को लेकर मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक मंत्रालय, नवा रायपुर में हुई। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा शामिल थे।
रिकॉर्ड धान खरीद और निपटान की प्रक्रिया
बैठक में बताया गया कि इस साल राज्य में अब तक की सबसे अधिक 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद समर्थन मूल्य पर की गई। इस धान का कस्टम मिलिंग के जरिए निपटान किया जा रहा है। भारत सरकार और नागरिक आपूर्ति निगम के चावल जमा लक्ष्य के अलावा बचे लगभग 35 लाख मीट्रिक टन धान के निपटान के लिए ई-नीलामी (ई-ऑक्शन) का फैसला लिया गया।
पहले चरण की नीलामी में 29 अप्रैल 2025 को मंजूर दरों पर 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का निपटान हो चुका है। शेष धान के लिए उच्चतम बोली लगाने वाले (H-1) और अन्य निविदाकारों को प्राइस मेचिंग का मौका दिया गया है, ताकि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के साथ निपटान जल्द हो सके।
संग्रहण और उठाव की स्थिति
प्रदेश के 78 संग्रहण केंद्रों में 31.48 लाख मीट्रिक टन धान भंडारित है, जिसमें से 18.91 लाख मीट्रिक टन का निपटान हो चुका है। अभी 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निपटान बाकी है। तेजी से उठाव के लिए जिला विपणन अधिकारियों और संग्रहण केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। वाहनों की सुगम आवाजाही और हमालों की संख्या बढ़ाने के भी आदेश हैं, ताकि क्रेताओं को असुविधा न हो।
प्राइस मेचिंग और समयसीमा में बदलाव
निविदाकारों को एम-जंक्शन प्लेटफॉर्म पर पंजीयन के बाद प्राइस मेचिंग का विकल्प दिया गया है। प्राइस मेचिंग के सात दिनों के भीतर धान के कुल मूल्य का 3% सुरक्षा निधि के रूप में जमा करना होता है। इसके बाद तय समय में क्रेता को स्टॉक का मूल्य जमा करना होता है, जिसके बाद लिफ्ट ऑर्डर जारी होता है।
बैठक में फैसला लिया गया कि जिन निविदाकारों ने प्राइस मेचिंग के दौरान सुरक्षा निधि या धान का क्रय मूल्य (MVP) समय पर जमा नहीं किया, उन्हें अब 15 जुलाई 2025 तक की अंतिम समयसीमा दी गई है। साथ ही, खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के लिए चावल जमा की शेष मात्रा के लिए समयसीमा 5 जुलाई 2025 तक बढ़ाई गई है।
तकनीकी समस्याओं के लिए समिति गठन
प्राइस मेचिंग के दौरान मिलरों और क्रेताओं को हो रही तकनीकी दिक्कतों के समाधान के लिए महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति बनाई गई है। यह समिति समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगी।
केंद्रीय पूल में चावल जमा का लक्ष्य बढ़ाने की मांग
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से मुलाकात कर खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में केंद्रीय पूल में चावल जमा का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक करने का अनुरोध किया है। भारत सरकार ने इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया है।
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