किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है बड़ी इलायची की खेती
24 अप्रैल 2025, भोपाल: किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है बड़ी इलायची की खेती – अब देश के किसानों द्वारा परंपरागत खेती के अलावा अन्य जैविक और औषधीय खेती भी करने लगे है और इसी में एक खेती है बड़ी इलायची की खेती। जो बीते कुछ वर्षों से किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। दरअसल बड़ी इलायची की खेती औषधीय होकर नकदी फसल मानी जाती है लिहाजा किसान अब इस खेती को भी करते है।
बड़ी इलायची की खेती इसी श्रेणी में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह एक औषधीय और नकदी फ़सल है, जिसकी मांग घरेलू बाज़ार से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बनी रहती है। ख़ासतौर पर पहाड़ी और नमी वाली जलवायु में इसकी खेती बेहद सफल मानी जाती है।
उत्तराखंड, सिक्किम और उत्तर-पूर्वी राज्यों के किसान पहले से ही इस फ़सल से अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। अब अन्य राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में भी किसान इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। कम देखरेख, लंबी उम्र और बेहतर बाज़ार मूल्य के कारण बड़ी इलायची की खेती छोटे और मध्यम किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर रही है।
इसका इस्तेमाल दवाइयों और तेलों तक में
बड़ी इलायची एक सुगंधित और औषधीय पौधा है, जिसकी फली मसाले के रूप में उपयोग होती है। इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने से लेकर दवाइयों और तेलों तक में किया जाता है। इसके बीजों में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो पाचन, खांसी, जुकाम, और सांस संबंधी समस्याओं में कारगर होते हैं।
पौधों की रोपाई और देखभाल
रोपण का सही समय जून से जुलाई तक का माना जाता है। पौधों को अधिक धूप से बचाने के लिए छायादार पेड़ जैसे कि अलनूस या बांज लगाए जाते हैं। पहली सिंचाई रोपण के तुरंत बाद करनी चाहिए। इसके बाद हर तीन से चार सप्ताह में हल्की सिंचाई ज़रूरी होती है। खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए । एक पौधे से लगभग 250 ग्राम इलायची का उत्पादन होता है। एक हेक्टेयर भूमि से पहले साल में 600 से 800 किलो तक उत्पादन लिया जा सकता है। उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ता है और चौथे-पांचवे साल में यह अपने उच्च स्तर पर पहुंचता है।
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