गाँव स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बने इसके लिए पंच-सरपंच बेहतर कार्य करें
22 अप्रैल 2025, भोपाल: गाँव स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बने इसके लिए पंच-सरपंच बेहतर कार्य करें – पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पंच-सरपंच उन्मुखीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह मौजूद थे। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पंचायती राज की कल्पना भारत में ही की गई थी। इसे महात्मा गाँधी, पं. दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया इन 3 भारतीय विचारकों ने भारतीय राजनीति में दिशा देने का कार्य किया। पंचायतीराज की जो सामुदायिक परिकल्पना है, वह हमारी परंपराओं और हमारे पंच परमेश्वर के दर्शन में है। हमारी पंचायत व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जो आत्मनिर्भर व स्वावलंबी हो। उन्होंने कहा कि श्री लोहिया ने कहा जाति की श्रृंखला तोड़ देनी चाहिए। समाज के हर व्यक्ति को बराबर का दर्जा होना चाहिए। उन्होंने पंच-सरपंचों से कहा कि आप अपनी ग्राम पंचायतों के सर्वे-सर्वा हो, यह गांव आपका है। आपको अपने तरीके से सोचना होगा, आपके पास पैसे की कमी नहीं है। पैसे का उपयोग कैसे करेंगे यह आपको सोचना होगा। इससे आपका और आपकी ग्राम पंचायतों का भविष्य बेहतर होगा। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पंचायतों को अपने संसाधनों से आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। सभी पंचायतों में सामुदायिकता का भाव होना चाहिए और पंचायतों के लिए पाँच वर्ष के लिए कौन-से कार्य करना है यह सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि तालाब, सड़क, बांध तकनीक को ध्यान में रखकर बनाए जाए। पंचायतों में बेहतर रिकॉर्ड रखने का कार्य दूसरी संस्था नहीं कर सकती है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि नये पंचायत भवन 3 मंजिला बनाये जा रहे हैं, जिसे ग्राम पंचायत द्वारा ही बनाया जाएगा। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पंचायती राज के अंतर्गत जल गंगा संवर्धन अभियान सफल होगा, जहाँ नदियों का संगम होगा। हम अपने बच्चों को बचपन से लेकर बड़े होने तक संरक्षण देते हैं। वृक्ष भी हमारे बच्चों को जीवन देने वाला है, इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए भी अपना योगदान दें।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: