एसोचेम का ‘आक्रामक प्रवासी कीट प्रबंधन: चुनौतियां और समाधान ‘ विषय पर वेबिनार
कृषक जगत बना मीडिया साझेदार
21 नवम्बर 2020, इंदौर। एसोचेम का ‘आक्रामक प्रवासी कीट प्रबंधन: चुनौतियां और समाधान ‘ विषय पर वेबिनार – एसोचैम आगामी 23 नवंबर को ‘आक्रामक प्रवासी कीट प्रबंधन: चुनौतियां और समाधान ‘ विषय पर एक वेबिनार आयोजित कर रहा है, जिसमें कृषक जगत मीडिया साझेदार की भूमिका निभाएगा l
उल्लेखनीय है कि ये प्रवासी कीट कृषि जैव विविधता, वानिकी, मानव और पशु स्वास्थ्य आदि के लिए गंभीर खतरा बनकर इन्होंने भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाया है। देश ने पिछले 15 वर्षों में कम से कम 10 प्रमुख आक्रामक प्रवासी कीट और खरपतवारों के हमलों का सामना किया है, जिनमें सबसे प्रमुख फॉल आर्मी वर्म है, जिसने 2018 में अधिकांशतः मक्के की फसल को नष्ट कर दिया था l इसी तरह दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 में प्रमुख फसलों और पेड़ पौधों पर गुजरात /राजस्थान में टिड्डियों के गंभीर हमले हुए। जब इन प्रवासी कीट को जानबूझकर या अनजाने में अपने प्राकृतिक आवासों के बाहर नए क्षेत्रों में लाया जाता है, तो वे अपने मूल परिवेश की खोज में और अधिक आक्रामक हो जाते हैं l
प्रवासी कीट या खरपतवार जब देश की सीमा में अनचाहा प्रवेश कर जाते हैं तो उनकी जांच करना और रोकना मुश्किल हो जाता है। लेकिन जब वे आयातित अनाज के कार्गो में या पर्यटकों द्वारा लाए गए सामान के साथ हवाई अड्डों और डॉकयार्ड में उतरते हैं, तो अधिकारियों को उन्हें बाहर निकालने या रोकथाम करने में सक्षम होना चाहिए। इसीलिए सभी देशों में प्रवेश सीमा बिंदुओं पर पशु, पौधे और स्वास्थ्य संगरोध (क्वारंटाइन ) की सुविधाएं दी गई हैं। वैश्वीकरण के इस दौर में अंतर्राष्ट्रीय कृषि व्यापार में हुई अप्रत्याशित वृद्धि से बीज और रोपण सामग्री की क्रांति ने भारत में प्रवासी कीटों के जोखिम को बढ़ा दिया है। ये कीट बड़े अनुपात में वृद्धि कर आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये प्रजातियां, यदि अपने प्राकृतिक शत्रुओं के साथ नहीं हैं, जो उन्हें अपनी मूल सीमा में रोकते हैं, तो ये हमारे देश में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पौधों की प्रजातियों और फसल पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही एसोचैम आगामी 23 नवंबर 2020 को अपराह्न 3:00 बजे ‘आक्रामक प्रवासी कीट प्रबंधन: चुनौतियां और समाधान ‘ विषय पर एक वेबिनार आयोजित कर रहा है।जिसमें कृषक जगत मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाएगा lकेंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला के मुख्य आतिथ्य में होने वाले इस आयोजन में डॉ. एस.के. मल्होत्रा ,कृषि आयुक्त ,कृषि मंत्रालय, श्री दीपक सूद , महासचिव एसोचेम ,श्री सागर कौशिक, सीओओ यूपीएल,श्री आर.जी. अग्रवाल,चेयरमैन , धानुका एग्रीटेक,श्री राहुल सवानी ,मैनेजिंग डायरेक्टर , कोर्टिवा एग्री साइंस (साऊथ एशिया )और श्री राजू कपूर , डायरेक्टर,कार्पोरेट अफेयर्स ,एफएमसी कार्पोरेशन अपने विचार व्यक्त करेंगे l मध्यस्थता श्री वी. पद्मानन्द, ग्रांट थार्नटन ,भारत करेंगे lजबकि समर्थन सहयोगी के रूप में यूपीएल, एफएमसी ,धानुका और कोर्टिवा जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां रहेंगी एवं नॉलेज पार्टनर ग्रांट थार्नटन,भारत रहेंगी l
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