सर्वतोन्मुखी विकास समय की मांग : डॉ. श्रीवास्तव
10 दिसम्बर 2022, उदयपुर । सर्वतोन्मुखी विकास समय की मांग : डॉ. श्रीवास्तव – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संघटक, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय के द्वारा नवप्रवेशित छात्र -छात्राओं हेतु आयोजित एवं अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली,राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना द्वारा प्रायोजित छात्र विकास कार्यक्रम के तहत ‘गुणवत्तापूर्ण जीवन की ओर अग्रसर’ विषयक दस दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम का समापन हर्षोउल्लास से किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. मीनू श्रीवास्तव थीं। आपने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन की गुणवत्ता का नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो व्यक्तिगत संबंधों और सामुदायिक अस्तित्व को प्रभावित करता है। जब इन पर्यावरणीय और मनोसामाजिक आयामों को ध्यान में रखा जाता है, तो जीवन की गुणवत्ता की अवधारणा का भावनात्मक दृष्टिकोण से विश्लेषण किया जा सकता है। अकेला व्यक्ति समाज का कल्याण नहीं कर सकता। सह -अस्तित्व के सिद्धांत को समझने के लिए प्रारम्भ से ही बालकों को इसकी आवश्यकता और महत्व समझाना चाहिए। महाविद्यालय की छात्र कल्याण अधिकारी प्रो. गायत्री तिवारी ने आयोजन के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम वर्ष के बालकों में परिपक्वता के अभाव के चलते कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विद्यालय से महाविद्यालय के इस सफर में उन्हें अनेकों चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें व्यक्तिगत ,पारिवारिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक से लेकर शैक्षणिक उपलब्धियां शामिल हैं। इनका सामना करने के लिए सही समय पर उनमें जीवन कौशल विकसित किये जाने के मद्देनजऱ ये कार्यक्रम प्रासंगिक है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के व्यक्तित्व को संवारने के लिए विभिन्न आयामों के बारे में उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ाना तथा सकारात्मक विकास कौशल के प्रति प्रतिभागियों की क्षमता में बढ़ोतरी करना था। क्लब एडवाइजर डॉ. सुमित्रा मीणा ने कहा की दस दिनों में टीम बिल्डिंग ,योग, सांस्कृतिक धरोहर,समय प्रबंधन,मानसिक स्वास्थ्य, स्व जागरूकता सोशल कम्पेटिबिलिटी, सेल्फ डिफेन्स,सम्प्रेषण कौशल,पॉजििटव सेल्फ विषयक सत्र आयोजित किये गए,जिनके मुख्य वक्ता क्रमश: श्री उत्कर्ष,श्री देवर्ष,श्री दीपक इस्सर,डॉ. गुनीत मोंगा,प्रोफेसर विजयलक्ष्मी चौहान,प्रोफेसर कल्पना जैन एवं डॉ.अपर्णा शर्मा थे।
प्रथम तीन दिनों तक महाविद्यालय के प्रत्येक विभाग के स्टाफ और क्रियाकलापों की विस्तृत जानकारी के लिए सभी प्रतिभागियों का आमुखीकरण किया गया। कार्यक्रम के सहआयोजक डॉ. सुमित्रा मीणा और डॉ. सरला लखावत थे। समन्वयक डॉ. स्नेहा जैन और श्रीमती रेखा राठौड़ थे।
क्लब एडवाइजर डॉ सुमित्रा मीणा ने कहा की दस दिनों में टीम बिल्डिंग ,योग ,सांस्कृतिक धरोहर ,समय प्रबंधन ,मानसिक स्वास्थ्य ,स्व जागरूकता सोशल कम्पेटिबिलिटी ,सेल्फ डिफेन्स ,सम्प्रेषण कौशल ,पॉजिटिव सेल्फ विषयक सत्र आयोजित किये गए,जिनके मुख्य वक्ता क्रमश: श्री उत्कर्ष ,श्री देवर्ष ,श्री दीपक इस्सर ,डॉ गुनीत मोंगा ,प्रोफेसर विजयलक्ष्मी चौहान ,प्रोफेसर कल्पना जैन एवं डॉ डॉ अपर्णा शर्मा थे . प्रथम तीन दिनों तक महाविद्यालय के प्रत्येक विभाग के स्टाफ और क्रियाकलापों की विस्तृत जानकारी के लिए सभी प्रतिभागियों का आमुखीकरण किया गया। कार्यक्रम के सहआयोजक डॉ सुमित्रा मीणा और डॉ सरला लखावत थे। समन्वयक डॉ स्नेहा जैन और श्रीमती रेखा राठौड़ थे।
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