राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषि मंत्री ने दी जानकारी: मध्य प्रदेश में खाद का भंडारण है पर्याप्त

25 अक्टूबर 2024, भोपाल: कृषि मंत्री ने दी जानकारी: मध्य प्रदेश में खाद का भंडारण है पर्याप्त – मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने राज्य के किसानों को आश्वस्त किया है कि रबी फसल के लिए खाद की कोई कमी नहीं होगी। सरकार ने किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उर्वरक का पर्याप्त भंडारण कर लिया है। उन्होंने बताया कि जिलों में बोनी की प्राथमिकता और उपलब्ध स्टॉक के अनुसार खाद का वितरण किया जा रहा है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

रबी सीजन के लिए यूरिया और डीएपी का पर्याप्त स्टॉक

रबी फसल की बोनी 1 अक्टूबर से 30 दिसंबर तक होती है, जिसमें सबसे पहले चंबल और ग्वालियर संभाग में बोनी की जाती है। श्री कंषाना ने बताया कि इस साल राज्य में यूरिया और डीएपी का पर्याप्त स्टॉक है। पिछले साल रबी सीजन (1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024) के दौरान 18.82 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था। इस वर्ष केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 22 लाख मीट्रिक टन यूरिया की स्वीकृति दी है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है।

अक्टूबर में खाद का अधिक स्टॉक उपलब्ध

मंत्री ने जानकारी दी कि अक्टूबर 2023 में जहां 4.67 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था, वहीं इस साल अक्टूबर 2024 में 8.53 लाख मीट्रिक टन यूरिया ट्रांजिट सहित उपलब्ध है। अब तक 2.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हो चुका है, जबकि 6.13 लाख मीट्रिक टन अभी भी स्टॉक में मौजूद है। इसी तरह, डीएपी और एनपीके का भी पर्याप्त स्टॉक है। अक्टूबर 2024 में 5.58 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके ट्रांजिट सहित उपलब्ध हैं, जिनमें से 2.20 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हो चुका है और 3.36 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में है।

जिलों की मांग के अनुसार रैक वितरण

कृषि मंत्री ने कहा कि जिलों की मांग और विक्रय स्थिति को ध्यान में रखकर रैक प्लानिंग की जा रही है। रैक से प्राप्त उर्वरक को विपणन संघ द्वारा डबल लॉक केंद्रों में भंडारित किया जा रहा है, जहां से किसानों को टोकन के माध्यम से खाद का वितरण किया जाएगा। निजी उर्वरक विक्रय केंद्रों पर भी निगरानी रखी जा रही है, ताकि खाद वितरण में कोई गड़बड़ी न हो।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements