कृषि वैज्ञानिकों ने 17451 कृषकों से किया संवाद
विकसित कृषि संकल्प अभियान का समापन
13 जून 2025, इंदौर: कृषि वैज्ञानिकों ने 17451 कृषकों से किया संवाद – 29 मई से 12 जून 2025 के दौरान पूरे देश में चलाए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान का गुरूवार को समापन हुआ| इस पखवाड़े के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, विज्ञान केंद्र एवं स्थानीय कृषि विभाग के विभिन्न विभागों के सहयोग से संयुक्त रूप से इंदौर जिले के 190 गाँवों में कृषि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र इंदौर के अध्यक्ष डॉ.आर. एस. टेलर द्वारा राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की कई टीमों का गठन किया गया, जो इंदौर के साथ-साथ नजदीकी जिले जैसे – धार, उज्जैन, देवास, रतलाम, बड़वानी, खरगोन में वहां के कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ गाँव-गाँव जाकर जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन से कुल 17451 कृषकों को विभिन्न फसलों की जानकारी दी एवं उनसे संवाद किया।
विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आदर्श ग्राम मेमदी में भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ. के. एच. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बी. यू. दुपारे, कृषि विज्ञान केंद्र, इंदौर के अध्यक्ष डॉ.आर.एस.एस. टेलर एवं इंदौर जिले के कृषि उप-संचालक श्री सी.एल. केवड़ा सहित लगभग 400 किसान उपस्थित रहे। जन प्रतिनिधि के रूप में श्री दिनेश चौहान (सदस्य जिला पंचायत इंदौर एवं अध्यक्ष जिला कृषि स्थायी समिति), श्री रुपेश वाघमारे (मंडल अध्यक्ष) एवं श्रीमती ललिता बलराम केलवा (उपसरपंच ग्राम पंचायत मेमदी) ने विकसित कृषि संकल्प अभियान-कृषक संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में डॉ. दुपारे ने कीट एवं रोग प्रबंधन हेतु अनुशंसित FIR नामक बीजोपचार पद्धति, विपरीत मौसम के लिए सक्षम नमी संरक्षण पद्धतियाँ बी. बी.एफ (ब्रॉड बेड फरो) तथा कम लागत या बिना लागत वाली पद्धतियों से कीट-रोग नियंत्रण की सलाह दी।कृषि विज्ञान केंद्र, कस्तूरबा ग्राम इंदौर के अध्यक्ष डॉ.आर.एस.एस. टेलर ने सोयाबीन फसल में संतुलित पोषण प्रबंधन अपनाने एवं केवल अनुशंसित रसायनों का उपयोग करने की सलाह दी। इस अभियान में कस्तूरबा ग्राम कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. डी.के. मिश्रा, डॉ. श्रीराम दधीच, डॉ अर्पणा बाजपेयी, डॉ अरुण कुमार शुक्ला सहित श्री नितिन पचानिया एवं श्रीमती अर्चना कुमारी ने कृषकों को नवीनतम कृषि तकनीक एवं पद्धतियों बाबत जागरूक किया।
भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर के निदेशक, डॉ. के.एच. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा इस हेतु देश के किसानों को अधिक परिश्रम करना होगा, जिससे देश की सकल घरेलू आय (जीडीपी) प्रति व्यक्ति 2.50 लाख से 15.00 लाख तक बढ़ानी होगी, जो बगैर कृषकों और कृषि आधारित ग्रामीण जनता का सहयोग संभव नहीं है। डॉ. सिंह के अनुसार आदर्श ग्राम मेमदी में वर्ष 2024 के दौरान संस्थान द्वारा 110 अग्रिम पंक्ति के प्रदर्शनों को लगाया गया था , जिसमे संस्थान के वैज्ञानिकों के सतत मार्गदर्शन में, विपरीत परिस्थिति में भी देश की औसत सोयाबीन उत्पादकता 11 क्विंटल/हे. की तुलना में 18 क्विंटल/हे. उत्पादन प्राप्त हुआ।
इस अभियान के दौरान विभिन्न जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर वैज्ञानिक डॉ. बी.यू. दुपारे, डॉ. लोकेश कुमार मीना एवं डॉ. राजपाल मीणा (इंदौर), डॉ. राकेश कुमार वर्मा एवं डॉ. एम.पी. शर्मा (बडवानी), डॉ. राघवेंद्र नरगुंद (खरगोन), डॉ. हेमंत माहेश्वरी एवं डॉ. संजीव कुमार (देवास), डॉ. शिवकुमार एवं डॉ. वी. नटराज (उज्जैन) और डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. मिलिंद रत्नपारखे एवं डॉ.वंगाला राजेश (रतलाम) और डॉ. विनीत कुमार (धार) जिले के कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों के सहयोग से विभिन्न गाँवों के कृषकों को सोयाबीन फसल की बोवनी पूर्व उपयोगी जानकारी देकर लाभान्वित किया गया ।
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