प्राकृतिक खेती के गुर सीख रहे हैं कृषि वैज्ञानिक
17 नवम्बर 2022, जबलपुर: प्राकृतिक खेती के गुर सीख रहे हैं कृषि वैज्ञानिक – कृषि महाविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत संचालित मृदा विज्ञान विभाग द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा पोषित ‘‘सेंटर फॉर एडवांस फैकेल्टी’’ (काफ्ट) ट्रेनिंग के अंतर्गत पूरे देश के विभिन्न राज्यों से आए कृषि वैज्ञानिकों को वर्तमान समय में अति महत्वपूर्ण विषय ‘‘प्राकृतिक खेती-चुनौतियां एवं अवसर’’ विषय पर सतत् प्रशिक्षण जारी है। प्रशिक्षण के संचालक, आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एन. जी. मित्रा ने बताया कि आज प्राथमिकता है प्राकृतिक खेती, जैविक खेती जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर किसानों को जागरूक करना। इसी उद्देश्य को लेकर कृषि वैज्ञानिकों को इस विषय पर यह महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि अपने कार्य क्षेत्र में जाकर किसानों को इस दिशा में जानकारी देकर जागरूक कर सकें और लाभ पहुंचा सके।
इस प्रशिक्षण के दौरान राष्ट्रीय स्तर के प्राकृतिक खेती के जानकार प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा एवं विद्वानों द्वारा विषय आधारित व्याख्यान, चिंतन एवं दिशा दृष्टि पर वैचारिकी एवं शोध पर चर्चा। साथ ही पाॅवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अति उपयोगी जानकारी प्रदान की। अब तक डॉ. ए.के. पात्रा, पूर्व निदेशक भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान आईसीएआर भोपाल, डाॅ. ए.बी. सिंह, निदेशक मृदा विज्ञान संस्थान,भोपाल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली, डॉ. डी.के. विश्वास, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय मृदा विज्ञान सोसाइटी नई दिल्ली, डॉ. प्रदीप डे, परियोजना समन्वयक, एसटीसीआर,डॉ. ए.के. घोष, प्रोफेसर, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बनारस एवं अन्य विद्वान, वैज्ञानिकों द्वारा सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसी तारतम्य में डॉ. संजय सिंह, वैज्ञानिक द्वारा धान की विभिन्न किस्मों की प्रक्षेत्र में जानकारी प्रदान की गई, आपने धान की देशी एवं वर्तमान में किसानों के बीच प्रचलित नवीनतम किस्मों की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
विश्वविद्यालय की औषधी एवं सगंध पौधों के उद्यान का भ्रमण के दौरान डॉ. ज्ञानेंद्र तिवारी प्राध्यापक द्वारा औषधि पौधों की उपयोगिता, आवश्यकता एवं प्राकृतिक खेती में महत्ता पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। खाद्य विज्ञान विभाग द्वारा कोदो एवं कुटकी एवं विभिन्न प्रकार के गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों व्यंजनों एवं उत्पादन तकनीक पर डॉ. एस.एस. शुक्ला, डॉ. अर्चना पांडे एवं डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा जानकारी प्रदान की गई। जैविक खेती के सर्वोत्तम आदान जवाहर जैव उर्वरक केंद्र का भ्रमण के दौरान डॉ. शेखर सिंह बघेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा विभिन्न प्रकार की जैव उर्वरकों की विस्तार से जानकारी एवं विभिन्न प्रकार की फसलों, सब्जियों एवं उद्यान में उपयोग कैसे करें, इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इस दौरान डॉ. राकेश साहू, श्री बबलू यदुवंशी का सहयोग प्राप्त हुआ। सीड्स म्यूजियम में विभिन्न फसलांे को हमारी धरोहर के रूप में संग्रहित किया है। इस संग्रहालय में बीजांे की जानकारी डाॅ. आशीष गुप्ता एवं डाॅ. शिवरामाकृष्णन वैज्ञानिक द्वारा प्रदान की गई।
प्रशिक्षण में कोऑर्डिनेटर की भूमिका डॉ. पी.एस. कुल्हारे, को-कोऑर्डिनेटर डॉ. एस.के. राय, प्राध्यापक, डॉ. शेखर सिंह बघेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक निभा रहे हैं। प्रशिक्षण का समापन आगामी 21 नवंबर को होगा |
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