राज्य कृषि समाचार (State News)

जबलपुर में कृषि विज्ञान मेला का आयोजन

28 अप्रैल 2023, जबलपुर: जबलपुर में कृषि विज्ञान मेला का आयोजन – जबलपुर जिले में आत्मा योजना में जिलास्तरीय कृषि विज्ञान मेले का आयोजन कृषि महाविद्यालय जबलपुर स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि कुलपति डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज के उपयोग,उत्पादन और निर्यात के लिये पहल की है। हमारे लिये मोटा अनाज या श्री अन्न नया नहीं है। देश में प्राचीन काल से ही मोटे अनाज का चलन रहा है। मेले में स्वागत उद्बोधन श्री सुशील कुमार निगम, परियोजना संचालक आत्मा,जबलपुर के द्वारा शासन की विभिन्न कृषि आधारित योजनाओं, साथ ही साथ उन्नत कृषि लघु धान्य फसलें, प्राकृतिक खेती, नवाचार अंतर्गत औषधीय फसल चिया की खेती के बारे में बताया गया।

रागी, ज्वार, बाजरा, सांवा,कंगनी,कोदो, कुटकी आदि किसान भाई खरीफ की फसलों मंे मोटे अनाज के उत्पादन के लिये भी प्रयास करें और कृषि विज्ञान मेला के माध्यम से खेती किसानी की नई-नई तकनीकों को जाने और जैविक खेती हेतु कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिये मूलस्वरूप में उतारें।

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संचालक विस्तार सेवायें डॉ. दिनकर प्रसाद शर्मा ने भी प्राकृतिक खेती और लघुधान्य फसलों को लेकर कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका और किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन को लेकर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव श्री रेवासिंह सिसोदिया ने की । कृषि महाविद्यालय, जबलपुर के डीन डॉ. पी.बी. शर्मा ने किसानांे को संबोधित करते हुये कहा सन् 1976 के दशक में मोटे अनाज को हर किसी थाली में परोसा जाता था, और लोग इसे जानते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे लोग रासायनिक खेती कर इसे धीरे-धीरे भूलने लगे हैं। जिसके कारण एक बार फिर किसानों को अपनी खरीफ की फसलों में शामिल करके इसे अंतरवर्तीय फसलों के साथ लगाने का अवसर है।

कृषि विज्ञान मेला में रवि आम्रपाली, उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं कृषि वैज्ञानिकों डॉ. डी.के. सिंह, वैज्ञानिक, डॉ. यतिराज खरे, वैज्ञानिक,डॉ. एस.बी.दास, प्राध्यापक कीट शास्त्र विभाग, डॉ. ए.के. जैन, प्राध्यापक, पौध रोग विभाग, डॉ. ए.के. सिंह, वैज्ञानिक,डॉ. आर.पी. साहू, वैज्ञानिक ने लघु धान्य फसले जैसे कोदो, कुटकी,रागी, सांवा, का मूलसंवर्धन एवं प्राकृतिक खेती अंतर्गत बीजामृत, जीवामृत, घनजीवन, अग्निआस्त्र, ब्रम्हास्त्र, नीमास्त्र आदि घटकों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।

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कृषि विज्ञान मेला के अवसर पर उन्नत कार्य के लिये कृषकों को सम्मानित किया गया। इस दौरान चिया की खेती में नवचार कर अत्यअधिक लाभ अर्जित करने वाले कैलाश यादव पाटन,जसवंत पटेल ग्राम कुकरहटा पाटन,प्राकृतिक खेती ‘‘कमलागत अधिक उत्पादन’’मनोज चौबे सिहोरा, कृषि यंत्रीकरण का उपयोग कर उन्नत कृषि, श्रीपतिराम कुंजाम कुंडम, मिलेट्स लघुधान्य फसल पर, सूर्यभान सिंह राजपूत, मझौल प्राकृतिक खेती, नोनेलाल चौधरी, ग्राम सूखा, कृषि यंत्रीकरण, श्रीमति राधा बाई ग्राम सूखा को सम्मानित किया गया।

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