चंदन की महक से महकेंगे यूपी में किसानों के खेत
28 जनवरी 2025, भोपाल: चंदन की महक से महकेंगे यूपी में किसानों के खेत – यूपी के किसानों के खेत चंदन और महोगनी की महक से महकेंगे। दरअसल यूपी के जालौन जिले में किसानों को फ्री में चंदन और महोगनी के पौधे बांटने की योजना वन विभाग ने बनाई है ताकि किसानों द्वारा नई खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जालौन जिले में वन विभाग ने पहली बार किसानों को मुफ्त में 3 लाख चंदन और महोगनी के पौधे वितरित करने की योजना बनाई है। सरकार के इस कदम से ना सिर्फ पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को परंपरागत खेती से अलग नई खेती के लिए प्रेरित करेगा। इन पौधों का वितरण वन दिवस के अवसर पर होगा और इन्हें जिले में ही तैयार किया जा रहा है।
इस बार भी 38 लाख पौधे तैयार कर रहा है
वन विभाग हर साल की तरह इस बार भी 38 लाख पौधे तैयार कर रहा है। लेकिन इस बार तीन लाख पौधे चंदन और महोगनी के तैयार किए जा रहे हैं। जिनका वितरण किसानों को निशुल्क किया जाएगा। पौधे को लगाने से किसानों को आर्थिक लाभ होगा, क्योंकि 8 से 10 साल में एक पेड़ की कीमत 8 से 10 हजार रुपये तक हो जाएगी। यह पहल किसानों को उनकी परंपरागत खेती के साथ ही लाभकारी पौध रोपण के लिए जागरूक करेगी। वन विभाग इन पौधों के वितरण से पहले कार्यशालाओं का आयोजन करेगा।
एक पौधे की कीमत 80 से 100 रुपए तक
जिसमें किसानों को पौधों की सही देखभाल और उन्हें लगाने की तकनीक सिखाई जाएगी। वन विभाग भी अपनी नर्सरी और सुरक्षित वन क्षेत्र में चंदन और महोगनी के पौधे लगाएगा। इससे किसान जागरूक होंगे और जिले की मिट्टी को पहचाना जा सकेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक पौधे की कीमत 80 से 100 रुपए तक है, लेकिन यह किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यशालाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वितरित किए गए पौधे सही तरीके से लगाए जाएं और बेकार न हों।
पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी सफलता हासिल होगी
इस पहल के माध्यम से न केवल जिले के किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी सफलता हासिल होगी। जल्द ही जिले में चंदन की महक और महोगनी के पेड़ों की छटा हर तरफ देखने को मिलेगी, जो जिले को नई पहचान देने के साथ-साथ पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाएगी। अधिकारियों ने बताया कि जंगल के साथ-साथ शहर में वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए फलदार पौधों का चयन किया गया है। सभी निकायों में इस बार चार से पांच हजार फलदार पौधे लगाए जाएंगे। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नागरिकों को दी जाएगी।
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