बढ़ते हुए तापमान से गेहूं की फसल के बचाव के लिए सलाह
30 जनवरी 2025, झाबुआ: बढ़ते हुए तापमान से गेहूं की फसल के बचाव के लिए सलाह – कलेक्टर नेहा मीना के सतत मार्गदर्शन में रबी मौसम में 2024-25 अंतर्गत फसलों की स्थिति का जायजा लेने हेतु जिला स्तरीय दल उप संचालक कृषि जिला झाबुआ श्री एन.एस. रावत के द्वारा विकासखंड राणापुर के ग्राम बन, भोडली, चुई, भुतखेड़ी एवं सारसवाट क्षेत्र में रबी फसल चना, गेहूं एवं मक्का फसलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान चना, गेहूं एवं मक्का फसल बेहतर स्थिति में हैं।
बढ़ते हुए तापमान से गेहूं की फसल के बचाव के लिए उपाय – दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, तब तक किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना गया है। औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक को फसल सहन कर सकती है, पर दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकता अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। जब तेज हवा चल रही हो तो सिंचाई रोक दें ,अन्यथा फसल के गिरने से नुकसान हो सकता है।
जिन किसानों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा है वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधा घंटा फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं। गेहूं फसल में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं तो भी 0.2 प्रतिशत पोटेशियम क्लोराइड यानी कि 400 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश (पोटाश खाद) 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से तापमान में अचानक हुई वृद्धि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। पछेती बुआई किये गये गेहूं फसल में पोटेशियम क्लोराइड का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर दो-बार किया जा सकता है। किसान भाई नजदीकी कृषि कार्यालय अथवा मैदानी कृषि अमले से सम्पर्क कर उचित सलाह लें। कृषि विज्ञान केन्द्र से भी सम्पर्क कर उचित सलाह लें।
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