राज्य कृषि समाचार (State News)

मक्का की फसल लेने वाले किसानों को दी सलाह-रिज फरो विधि से करें बुवाई

27 जून 2025, भोपाल: मक्का की फसल लेने वाले किसानों को दी सलाह-रिज फरो विधि से करें बुवाई – मध्यप्रदेश के उन किसानों के लिए कृषि विभाग जबलपुर ने सलाह जारी की है जो मक्का की फसल लेते है। विभाग ने कहा है कि मक्का की बुवाई रिज फरो विधि से ही करें।

 कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस विधि से मक्का की बुआई से जहाँ पानी की बचत होती है वहीं पैदावार भी अच्छी होती है।किसानों के लिए ऑनलाइन कोर्स

Advertisement
Advertisement

इस सिलसिले में कृषि अधिकारियों ने विकासखण्ड शहपुरा के ग्राम दामन खमरिया में किसान  के खेत में रिज फरो प्रणाली से मक्के की बोनी करायी।  कृषि अधिकारी लगातार कृषि की उन्नत तकनीक के बारे में किसानों को अवगत करा रहे हैं और किसानों को रिज फरो विधि से मक्के की बुआई करने की सलाह दे रहे हैं।

रिज फरो विधि

कृषि विभाग, जबलपुर के उप संचालक ने बताया कि रिज फरो विधि में मक्के की बुआई में कतार से कतार की दूरी 2 फीट तथा पौधे से पौधे की दूरी 9 इंच रखी जाती है। इस विधि में एक एकड़ में 6 किलो बीज लगता है तथा पानी की बचत होती है, साथ ही अधिक उपज प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि रिज फरो विधि में खेत में मेड़ और नालियां बनाई जाती हैं। मक्के के बीज मेड़ पर बोये जाते हैं और नालियों से पानी की निकासी होती है। इससे जड़ों को पर्याप्त नमी मिलती है तथा खेत में पानी का भराव भी नहीं होता है। सूखे के समय नालियों में जमा नमी मेड़ पर मौजूद पौधों को मिलती रहती है। पर्याप्त नमी एवं उचित जल निकासी के फलस्वरूप मक्के की फसल अच्छी तरह से बढ़ती है और अधिक उपज देती है। मेड़ पर बुवाई करने से पौधों की जड़े अच्छी तरह से विकसित होती है जिससे वह मजबूत होते हैं और हवा में गिरने से बचते हैं।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement