राज्य कृषि समाचार (State News)

नकली खाद-बीज बेचने वालों के विरूद्ध कार्रवाई

13 अगस्त 2020, ग्वालियर। नकली खाद-बीज बेचने वालों के विरूद्ध कार्रवाई जिले में खरीफ कार्यक्रम में किसानों को खाद-बीज एवं दवा उच्च गुणवत्ता की उपलब्ध हो इसके लिये कृषि विभाग द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। नकली खाद-बीज एवं दवा का विक्रय न हो इसके लिये नमूने लेकर जांच भी की जा रही है। जिले में अब तक अमानक नमूने पाए जाने पर 11 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस एवं तीन प्रकरण में लायसेंस निलंबन की कार्रवाई की गई है।

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर जिले में अनुविभागीय स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर टीम गठित कर लगातार खाद-बीज विक्रेताओं के यहाँ निरीक्षण किया जा रहा है। अब तक कुल 46 स्थलों का निरीक्षण दलों द्वारा किया गया है। किसान भाईयों की सुविधा के लिये कृषि विभाग द्वारा दूरभाष क्रमांक 0751-2467920 पर शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। किसान भाईयों से अपील की गई है कि कोई भी दुकानदार दर से अधिक अथवा अमानक स्तर का खाद-बीज विक्रय कर रहा हो या बिल देने से मना करे तो तत्काल कृषि विभाग के दूरभाष नम्बर पर शिकायत दर्ज करें। किसानो से प्राप्त शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई की जायेगी।

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उपसंचालक कृषि श्री आनंद बड़ोनिया ने बताया कि जिले में इस वर्ष कुल एक लाख 70 हजार हैक्टेयर में से धान 95 हजार हैक्टेयर, ज्वार 12 हजार हैक्टेयर, बाजरा 18 हजार है., उड़द 20 हजार 100 हैक्टेयर, मूँग 500 हैक्टेयर, अरहर 500 है, मूँगफली एक हजार है., सोयाबीन 3500 है, एवं मक्का 350 हैक्टेयर में बोनी संभावित है। इसे देखते हुए यूरिया का 23600 मै. टन डीएपी का 14300 मै. टन, सुपर फास्फेट 3100 मै. टन, पोटाश 700 मै.टन एवं अन्य कॉम्पलेक्स 3100 मै.टन का लक्ष्य रखा गया है।

अभी तक यूरिया 25006 मै.टन एवं डीएपी 12955 मै.टन सुपर फास्फेट 1991 मै.टन, पोटाश 161 एवं अन्य कॉम्प्लेक्स 2019 मै.टन जिले में प्राप्त हो चुका है। शेष उर्वरक शीघ्र जिले में भंडारित कराए जा रहे हैं। बुवाई को देखते हुए धान 8330 क्विंटल, बाजरा 620, ज्वार 194, मक्का 51 क्विंटल, अरहर 378 क्विंटल, उड़द 546 क्विंटल, मूंग 155 क्विंटल, सोयाबीन 525 क्विंटल, मूँगफली 100 क्विंटल एवं तिल 212 क्विंटल बीज जिले में उपलब्ध हो चुका है। कृषकों से अपील है कि इस वर्ष सामान्य से कम वर्षा की अभी तक की स्थिति को देखते हुए मूँग, उड़द तथा तिल, फसल की बुवाई पर विचार करें।

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