राज्य कृषि समाचार (State News)

युवा कृषक एग्री स्टार्टअप के लिए आगे आएं – डॉ. थॉमस

05 जून 2025, शाजापुर: युवा कृषक एग्री स्टार्टअप के लिए आगे आएं – डॉ. थॉमस –  किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए युवाओं को एग्री स्टार्टअप के लिए आगे आना चाहिये। यह बात जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान के प्रबंधक डॉ. मोनी थॉमस ने गत दिनों  शाजापुर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उद्यानिकी विभाग के तत्वावधान में एग्री स्टार्टअप के लिए आयोजित हुई कार्यशाला में कही। इस मौके पर कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना,उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. प्रशांत महाडिक, उद्योग प्रभारी महाप्रबंधक श्रीमती मेघा सुमन सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं युवा किसान उपस्थित थे।  

डॉ. थॉमस ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा और जमीन राष्ट्र की संपदा है। किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए युवाओं को एग्री स्टार्टअप्स की ओर बढ़ना होगा। युवाओं में जमीन से जुड़ाव पैदा करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कृषि का कार्य युवाओं को रास नहीं आ रहा है, बुजुर्ग किसान कृषि कर रहे हैं। युवाओं के कृ‍षि से दूर होने के कारण सामाजिक एवं जमीन से जुड़ाव एवं सामाजिक संबंधो में बिखराव हो रहा है। जबकि कृषि आधारित उद्योगों एवं प्रसंस्करण इकाईयों से भी आर्थिक रूप से उन्नति की जा सकती है। किसान युवा पुत्र अपनी जमीन को बचाएं और इससे कैसे आमदनी बढा़ई जाये, इस पर विचार करें।

एग्री स्टार्टअप के संबंध में विस्तार से बताते हुए डॉ. थॉमस ने कहा कि कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान जबलपुर प्रदेश में एकमात्र एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर है, जो स्टार्टअप को प्रोत्साहन एवं क्रियान्वयन का कार्य कर रहा है। इस मौके पर उन्होंने ओरिएन्टेशन कार्यक्रम, प्रेरणा एवं साकार कार्यक्रम के लिए दिये जाने वाले अनुदान, योग्यताएं, चयन प्रक्रिया तथा आवेदन आमंत्रण के बारे में विस्तार से बताया।

इस अवसर पर कलेक्टर सुश्री बाफना ने कहा कि डॉ. थॉमस द्वारा दिया गया विस्तार से प्रशिक्षण काफी उपयोगी है। युवा इससे प्रेरित होकर एग्री स्टार्टअप्स की ओर मुड़े। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में एआई के कारण बदलाव आ रहा है। युवा उत्पादकता एवं व्यवसाय बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कर सकते हैं। शाजापुर जिले में एग्री स्टार्टअप्स के लिए काफी संभावानाएं है, युवाओं को शहर से गांव की ओर कदम बढ़ाना होगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जो गांव में रहकर ही आर्थिक प्रगति की ओर ले जा सकती है।  कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डॉ. जीआर अम्बावतिया एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. धाकड़ ने जिले में संतरा, आलु, लहसुन, प्याज, सोयाबीन एवं गेहूं के मूल्य संवर्धन से संबंधित एग्री स्टार्टअप की तकनीकी जानकारी दी। उद्यानिकी उपसंचालक श्री मनीष चौहान ने कार्यशाला के उद्देश्य से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यशाला में युवा कृषकों ने अपने अनुभव  बताए और प्रश्न भी पूछे।

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