संरक्षित खेती कृषक दिनेश पटेल के लिए बनी लाभ का व्यवसाय
05 सितम्बर 2024, इंदौर: संरक्षित खेती कृषक दिनेश पटेल के लिए बनी लाभ का व्यवसाय – केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए लगातार विशेष प्रयास किये जा रहे है। मैदानी स्तर पर उद्यानिकी विभाग के द्वारा संचालित योजना के बेहतर क्रियान्वयन और किसानों के परिश्रम से सकारात्मक परिणाम मिल रहे है। इससे किसानों के जीवन में बड़े बदलाव आ रहा है। कृषक आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे। संरक्षित खेती पद्धति किसानों को पारंपरिक कृषि के मुकाबले अच्छी आमदनी प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है। योजना अंतर्गत तकनीकी जानकारी और योजना से लाभार्थी किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है।
ऐसा ही कुछ एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत संरक्षित खेती अंतर्गत मल्चिंग विधि को अपनाने से ग्राम पिपल्याकला पंधाना के कृषक श्री दिनेश पटेल के जीवन में कृषि लाभ का व्यवसाय बनकर उन्हें उन्नती प्रदान करने में सहायक बनी है। संरक्षित खेती के अंतर्गत श्री पटेल ने प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करते हुए आधा हेक्टेयर भूमि पर मिर्च की फसल लगाई, जिससे उनको 225 क्विंटल मिर्च का उत्पादन हुआ, जिसकी लागत 2 लाख रूपये लगी। यह उपज करीब 4 लाख रूपये में बिकी, जिससे उन्हें शुद्ध दो लाख रूपये की आय प्राप्त हुई। इसी प्रकार उन्होंने तरबूज फसल भी मल्चिंग विधि से लगाई और डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर तरबूज फसल से करीब 500 क्विंटल उत्पादन हुआ। तरबूज फसल में करीब सवा दो लाख रुपये उत्पादन खर्च आया तथा फसल विक्रय से करीब 5 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई। तरबूज फसल से उन्हें करीब पौने तीन लाख रुपये की आय प्राप्त हुई।
श्री दिनेश पटेल ने बताया पहले पारंपरिक खेती से फसल का इतना उत्पादन नहीं होता था। खरपतवार, निराई-गुड़ाई, सिंचाई सहित अन्य खर्च अधिक हो जाता था, जिससे कृषि लाभ और खर्च के मुकाबले लाभ नाम मात्र हो पाता था। मजदूरों की समस्या से भी खासे परेशान थे लेकिन मल्चिंग विधि से मिर्च और तरबूज की फसल लेने से लाभ हुआ। फसल उत्पादन खर्च घटा और आय में वृद्धि हुई। उन्होंने बताया योजना अंतर्गत 32 हजार रुपये का अनुदान मिला। मिर्च और तरबूज फसल से उन्होंने करीब पौने 5 लाख रुपये की शुद्ध आय प्राप्त की। उन्होंने योजना का लाभ मिलने तथा कृषि से इतनी अच्छी आय होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि संभागायुक्त श्री दीपक सिंह के निर्देशानुसार संभाग के समस्त जिलों में आधुनिक कृषि को अधिक से अधिक कृषक अपनाए तथा इसके लिए कृषकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ-साथ योजनाओं के महत्व की जानकारी दी जा रही है।
संयुक्त संचालक उद्यान इंदौर संभाग श्री डीआर जाटव के मार्गदर्शन में विभागीय अमला भी लगातार विशेष प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि कृषक उन्नत उद्यानिकी फसलों, योजनाओं की जानकारी हेतु उद्यानिकी विभाग के जिला अथवा विकासखंड कार्यालय पर संपर्क कर योजना के लाभ संबंधित जानकारी ले सकते है।
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